Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi Part 01
Author(s): Vishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
Publisher: Motilal Banrassidas Pvt Ltd
View full book text ________________
नवनि
सू० ११२६
___ २६
परिशिष्टम् प्रयोगाः भाषार्थः प्रयोगाः
भावार्थः सू० ११२०
स० ११२३ सामाजिकः-समाजरक्षक।
मार्दङ्गिकः-मृदङ्ग बजानेवाला । स० ११२१
सू० ११२४
आसिकः--तलवार से लड़नेवाला । शान्दिक:-शब्द करनेवाला । दादुरिकः-कुम्हार ।
धानुष्क:-धनुर्धारो।
स० ११२५ स. ११२२
आपूपिकः--पूड़ी खानेवाला । धार्मिकः-धार्मिक । आधर्मिकः-अधर्मी ।
नककिट:-ग्राम के समीप वासी (भिक्षु)
अथ यदधिकारः । स० ११२८
मूल्यम्-मूल्य । रथ्यः रथ का घोडा।
मूल्यः-मूलभाग के समान । युग्यः-जुए को उठाने वाला बैल । सीत्यम्-जोता हुआ खेत । स० ११३०
तुल्यम् -तोला हुत्रा (सामान)। धुर्यः-जुए को उठानेवाला।
अग्रयम-अग्रणी। धौरेयः-- , (या अग्रगामी)
सू० ११३२ स० ११३१
सामन्यः-सामवेदज्ञ । नाव्यम्-नौका से तरने योग्य ।
कर्मण्यः --कर्मठ। वयस्यः--मित्र ।
शरण्यः--शरणागत रक्षक । धर्म्यम्--धर्म से प्राप्त करने योग्य ।
सू० ११३३ विष्यः-विष से मारने योग्य । । सभ्यः--सभासद ।
अथ छयतोरधिकारः सू० १.१३५
सू० ११३६ शङ्कव्यम्--कीलक बनाने योग्य लकड़ी ।
वत्सीयः-बछड़ों का हितकारी । ,
सू० ११३७ गव्यम्-घासादिक गौ के लिए।
दन्त्यम्-दन्तमञ्जन । नभ्यः-चक्रनामिछिद्र ।
कराव्यम्-हारादि नाम्यम्--नामि छिद्र वा अन्जन । नवम्-नसवार ।
Loading... Page Navigation 1 ... 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450