Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi Part 01
Author(s): Vishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
Publisher: Motilal Banrassidas Pvt Ltd

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Page 423
________________ ४०२ लघुसिवान्तकौमुद्याम् भाषार्थ प्रयोगाः भाषार्थः | प्रयोगाः सू० १९३६ | विश्वजनीनम्-सब के अनुकूल । श्रात्मनीनम्-अपने अनुकूल। मातृभोगोण:-माता के अनुकूल । अथ ठअधिकारः सू. ११४१ स०११४५ साप्ततिकम्-सत्तर स्पयों से खरीदा हुश्रा । खत श्वतच्छत्रिकः-सफेद छत्रधारी। स० ११४६ प्रास्थिकम्-सेर भर से खरीदा हुआ। दण्ड्यः-दण्डनीय । सू. ११४३ श्रयः-पूजनीय । वध्यः-वध के योग्य। सार्वभौमः-चक्रवर्ती । स०११४७ पार्थिवः-राजा। | श्राह्निकम्-एक दिन में बनाया हुआ। अथ त्वतलधिकारः सू. ११४८ स० ११५४ ब्राझणवत्-ब्राह्मण के समान । । प्रथिमा-मोटापन। पुत्रेण तुल्यः--पुत्र के समान मोटा। पार्यवम्-, । सू० १४६ मथुरावत्--मथुरा के समान । चैत्रवत्--चैत्र के समान। सू० ११५५ सू. १९५० गोत्वम्-गोस्वजाति । शुक्लिमा- सफदा। गोता-गोत्व। दाळम्-दृढ़ता। सू० ११५१ द्रढिमा-,। स्त्रैणम्-स्त्रीत्वजाति। स० ११५६ जाड्यम् जड़ता। स्त्रीत्वम्-,। मौढ्यम्-मूढ़ता। पोस्लम् । ब्रामण्यम्-बामणता। पुंस्त्वम् ? पुस्त्वबाति । स. ११५७ । सख्यम्-मित्रता । म्रदिमा- मृदुत्वम् (कोमलवा) शौक्ल्यम्- १ सफेदी। त्रीता-,

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