Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi Part 01
Author(s): Vishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
Publisher: Motilal Banrassidas Pvt Ltd
________________
३८६
भाषार्थः
गर:-निगलना
लघुसिद्धान्तकौमुद्याम् प्रयोगा , भाषार्थः । प्रयोगाः .
धूनिः--कॉपना । यवः-मिश्रण आधवधान्य।
पूनिः-विनाश । लवः-काटना।
सम्पत्-सम्पत्ति । स्तवः-स्तुति।
विपत्-विपत्ति । पकः-पवित्रता ।
आपत्-आपत्ति । प्रत्यः -सेर भर ।
सम्पत्तिः-सम्पति। विघ्ना-विघ्नः।
विपत्तिः-विपत्ति । सूत्राङ्काः ८५८
सूत्राङ्काः ८६५ पवित्रमम-पका हुना।
जूः-रोगी। उत्रिमम-बोया हुआ।
तूः-शीघ्रकारी। ' स० ८५६
सू:-चलनेवाला। वेपथु:-कम्प ।
ऊः-रक्षक। सू० ८६०
मू:-बाँधनेवाला। याचना-माँगना।
सू० ८६६
इच्छा--इच्छा। यत्नः-प्रयत्न। विश्न:-गति या बोलना।
सू०८७६
चिकीर्षा-करने की इच्छा। प्रश्न:-प्रश्न-पूछना।
पुत्रकाम्या-अपने लिये पुत्र चाहना। रक्ष्णः-रक्षा। सू० ८६१
ईहा-चेष्टा।
. सू०८६८ स्वप्नः-स्वप्न।
सू० ८६६ सू० ८६२
कारणा-यातना। प्रधिः-नेमि।
हारणा-हराना। उपधि: दम्भ
सू० ८७१ सू०८६३
हसितम्-हँसना।" कृति:-क्रिया
हसनम्-हँसना। तुतिः-स्तुति।
स०८७३ कीणित-विक्षेप-ना।
दन्तच्छदः-श्रोष्ठ । लनि:-काटना।
। आकरः-खनि (खान)।
Page Navigation
1 ... 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450