Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi Part 01
Author(s): Vishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
Publisher: Motilal Banrassidas Pvt Ltd

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Page 417
________________ ३६६ लघुसिद्धान्तकौमुखाम् प्रयोगाः भाषार्थः प्रथोगाः भाषार्थः स० १०२६ स० १०२६ कौरव्यः-कुरु की सन्तति । कम्बोजः-कम्बोज गोत्रोत्पन्न या कम्बोज नैषध्यः-निषध राजा की सन्तति । देश का राजा। चोलः-चोल देश का राजा।। सू. १०२८ शकः-शक देश का राजा। इक्ष्वाकवः-इक्ष्वाकुगोत्रोत्पन्न । केरलः-केरल देश का राजा। पञ्चालाः-पञ्चालगोत्रोत्पन्न । यवनः-यवन देश का राजा। इति अपत्याधिकारः। अथ रक्ताद्यर्थकाः सू० १०३० सू० १.३६ काषायम्-गेरुश्रा वस्त्र । शुक्रियम्-शुक्रदेवताक। स० १०३१ स० १०४० पौष्यम्-पुष्य नक्षत्र का दिन । सोम्यम्-सोमदेवताक। स. १०३२ स० १०४१ अद्य पुष्यः-अाज का पुष्य नक्षत्र है। वायव्यम्-वायुदेवताक। स० १०३३ ऋतव्यम्-ऋतुदेवताक। वासिष्ठम्-वशिष्ठ से देखा गया। । सू० १०४२ स० १०३४ पित्र्यम्-पितृदेवताक। वामदेव्यम्-वामदेव से देखा गया । उषस्यम्-उषोदेवताक । .स १०३५ बास्त्रः-वस्त्र से परिवृत। पितृव्यः-चाचा, ताऊ। स २०३६ मातुल:-मामा। शारावः-प्याले में निकला हुआ ! मातामहः-नाना। स० १०३७ पितामहा-दादा। भ्राष्ट्रः-भाँड़ में भुना हुआ। स. १०३८ काकम्-कौत्रों का समूह । ऐन्द्रम्-इन्द्रदेवता-सम्बन्धी। स. १०४५ पशुपतम्-पशुपतिदेवता सम्बन्धी। भैक्षम्-भिक्षासमूह । वार्हस्पत्यम्-बृहस्पतिदेवताक । | गार्मिणम्-गर्मिणीसमूह । स० १०४३

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