Book Title: Kundakunda Bharti
Author(s): Kundkundacharya, Pannalal Sahityacharya
Publisher: Jinwani Jirnoddharak Sanstha Faltan

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Page 10
________________ दस कुंदकुंद-भारती रमादेवी तथा बिहारीलालके फाउंडेशनके लिए डॉ. पुष्पा जैन U.S.A. की ओरसे Jain World. Com के माध्यमसे कुंदकुंद-भारती के प्रकाशनार्थ विशेष आर्थिक सहयोग अमेरिका स्थित डॉ. पुष्पा जैनने रमादेवी तथा बिहारीलाल फाउंडेशन के लिए Jain World. Com के माध्यमसे 'कुंदकुंद-भारतीके प्रकाशन' के लिए १९९९०/- रुपयोंका उदार दानराशि प्रदान की है, इसके लिए संस्था उनके प्रति हार्दिक आभारी है। अमेरिकामें स्थित कारंजानिवासी श्री. विनोद दर्यापूरकर तथा उनके अनेक मित्रोंद्वारा संपूर्ण विश्वमें जैन दर्शन तथा संस्कृतिके प्रसार-प्रचारार्थ जैन वर्ल्ड.कॉम यह वेबसाइट चलायी जाती है। श्री. विनोद दर्यापूरकरकी दूरदृष्टटिसे १९९६ में स्थापित जैन वर्ल्ड यह वेबसाइट अब काफी विस्तार पा चुकी है। केवल ११ वर्षों में इस संस्थाकी व्याप्ति इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि यह १७५ GB की विशाल वेब साइट अब १५५००० वेब पेजेस में फैल चुकी है। इसमें ११००० इमेजेस हैं। ७०० घंटोंकी यह दृक्-श्राव्य वेबसाइट दुनिया की २४ भाषाओंमें कार्य करती है। इसमे विभिन्न भाषाओंमें जैन दर्शन-संस्कृतिविषयक २३६ पुस्तकें प्रसारित हो चुकी हैं। यह वेबसाइट विश्वके १४७ देशोंमें फैल चुकी है तथा रोज ८२६२५ + लोग इसे देखते रहते हैं। इस वेबसाइट में अब तक ७०५ मानववर्षोंका का काम हो चुका है। इंटरनेटपर यह वेबसाइट www.jainworld.com इस पतेपर उपलब्ध है। इस वेबसाइटके लिए डॉ. पुष्पा जैन स्वयं काम करती हैं। उन्होंने 'कुंदकुंद-भारती' के प्रकाशनके लिए जो दानराशि प्रदान की उसके लिए ग्रंथ प्रकाशन समितिकी ओर से पुनश्च एकवार धन्यवाद! ***

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