Book Title: Kundakunda Bharti Author(s): Kundkundacharya, Pannalal Sahityacharya Publisher: Jinwani Jirnoddharak Sanstha Faltan View full book textPage 9
________________ कुंदकुंद-भारती स्व. श्री. रायचंद भाईचंद फडे की पुण्यस्मृतिमें कुंदकुंद - भारती के प्रकाशनार्थ विशेष आर्थिक सहयोग नौ धर्मानुरागी श्रीमान रायचंद भाईचंद फडे, पंढरपुरनिवासी एक धर्मानुरागी पुरुष थे । उनका जन्म धर्मनगरी फलटण में १४ जून १९१५ को हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान भाईचंद बापूचंद फडे तथा माताश्रीका नाम मथुराबाई था । श्रीमान रायचंदजीने लौकिक शिक्षा अकलूज तथा पंढरपुरमें प्राप्त की । उनपर धर्मके संस्कार तो बचपनसे घर पर ही होते रहे थे । आपने शांतिसागर महाराज श्रीसे स्वाध्याय, रात्रिभोजनत्याग तथा श्रावकके अन्य सभी व्रत ग्रहण किये थे । वे निरंतर २८ वर्षतक अनंतव्रत करते रहे तथा उसका विधिपूर्वक उद्यापन कर व्रतकी पूर्ति की। आचार्य शांतिसागरजी महाराज, धर्मसागरजी महाराज अध्यात्मयोगी वीरसागरजी महाराजजीसे उन्हें धर्मलाभ होता रहा। सतत मुनियोंके संपर्क में रहनेके कारण उन्हें आहारदान का विपुल पुण्य प्राप्त होता रहा । भारतके प्रायः सभी तीर्थक्षेत्रोंकी वंदनाएँ उन्होंने अनेक वार कीं। पंढरपुर में आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बनानेका उनका संकल्प था, जिसे उनके सुपुत्रोंने दृढ़तापूर्वक एवं आनंदपूर्वक पूर्ण किया। स्व. श्रीमान रायचंदजी स्वाध्यायप्रेमी थे । अन्य व्यक्तियोंको भी वे स्वाध्यायके लिए प्रेरणा दिया करते थे। तभी तो उनके सुपुत्रोंने प. मोतीलालजी कोठारी द्वारा अनूदित 'अष्टपाहुड' की २०० प्रतियाँ सोलापुरमें स्थित 'जीवराज जैन ग्रंथमाला' के द्वारा स्वाध्यायप्रेमियोंमें वितरित करनेकी व्यवस्था की थी। श्रीमान रायचंदजीने अपने परिवारको भी धार्मिक संस्कारोंसे अलंकृत किया है। उन्होंने अपने पुत्रोंको दान तथा स्वाध्यायके संस्कारोंसे विभूषित किया है। तभी तो उनके दो सुपुत्र यू. एस्. ए. स्थित विजयकुमार तथा पंढरपुरनिवासी शरद्कुमारने अपने स्वर्गीय पिताश्री रायचंदजीकी स्मृतिमें प्रस्तुत 'कुंदकुंदभारती' के प्रकाशनार्थ ३१०००/- रुपयोंकी राशि प्रदान कर अपना ग्रंथप्रेम व्यक्त किया है। ग्रंथ प्रकाशन समितिकी ओर से उन्हें शत शत धन्यवाद ! ***Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 506