Book Title: Kavyanushasanam
Author(s): Prashamrativijay
Publisher: Pravachan Prakashan Puna

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Page 60
________________ चतुर्थोऽध्यायः (४) मुसलबन्धः दा 54 15 b शा न्ति ज ᅲ ना शा न्ति te te श्रि थ यं ना त नो स तु हि नो चं न्य शा त नः कृ ची श न्त शा त सदाशान्तिर्जगन्नाथः श्रियं शान्ति तनेतु नः । नतशान्तशचीनाथः कृतशान्त्यर्चनो हि सः ॥ १११ ११२ (५) शूलबन्धः जरा रि न ज्जि ता नि रा का र नित्यं कुन्ध्वादि सत्त्वेष्व-हिंस्र कुध्वितिसंज्ञकः । करिराजकराकारकरो मामवताज्जिनः ॥ काव्यानुशासनम्

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