Book Title: Kavyanushasanam
Author(s): Prashamrativijay
Publisher: Pravachan Prakashan Puna
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काव्यानुशासनम्
चतुर्थोऽध्यायः (६) शक्तिबन्ध :
(७) हलबन्ध:
(का) मकुंदविभोदा
नच्छे दधामो
दाया स्तुशिवप्र
ल्लिमांनुतवियं
सखाजितमतल्लि
त ह
दां
EFE
पदं टियामरभिख्यो भित्कमारेनिः परः । रदनच्छेदधामोमो मोदायाऽस्तु शिवप्रदः ।।
श्रिय वितनुतां मल्लिसखा जितमल्लिका । काम कुन्दविभोदाररतांशुहतताम्सः ॥

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