Book Title: Karni Ka Fal
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 5
________________ कम्पिलपुर के राजा ब्रह्म और रानी चुलनी के एक कर फल तेजस्वी पुत्र था ब्रह्मदत्त। राजा ब्रह्म के चार घनिष्ट मित्र थे-काशी का राजा कटक, हस्तिनापुर का कणेरुदत्त, कौशल नरेश-दीर्घराज और चम्पापति-पुष्पचूल। Niche - . एक बार ब्रह्म राजा बीमार पड़े। वैद्यों ने बहुत उपचार किये परन्तु बच नहीं सके। चारों मित्र राजाओं ने मिलकर ब्रह्मराजा का अन्त्येष्टि संस्कार किया। शोक निवृत्ति के बाद वे आपस में विचार करने लगे। कालालाला कुमार ब्रह्मदत्त अभी केवल १२ वर्ष का है। जब तक यह राज्य सँभालने योग्य नहीं हो जाये, हमें बारी-बारी राज्य की रक्षा करनी चाहिए। (Bo) GKज

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