Book Title: Karni Ka Fal
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 10
________________ करनी का फल दीर्घराज ने एक षड्यंत्र रचा। अपनी योजना चुलनी को समझाते हुए कहाजैसे पाण्डवों को जीवित जलाने के लिए दुर्योधन ने लाक्षागृह # का निर्माण कराया। हमें भी वही उपाय करना चाहिये । शीघ्र ही राजकुमार का विवाह धूम-धाम से होगा। इनके लिए एक सुन्दर नया राजमहल भी बनाया जायेगा। कुछ दिनों बाद दीर्घराज और रानी चुलनी ने मिलकर अचानक कुमार की सगाई कर दी। सगाई के अवसर पर दीर्घराज ने घोषणा की मंत्रीवर ! कुमार ब्रह्मदत्त को सुहागरात के दिन ही जला डालने के लिए लाक्षागृह का निर्माण हो रहा है। वाह खूब ! साँप भी भर जायेगा और लाठी भी नहीं टूटेग | दीर्घराज ने अपने विश्वासी कर्मचारियों को एक सुन्दर लाक्षागृह बनाने का आदेश दे दिया। इस अचानक की घोषणा से प्रधानमंत्री धनु चौकन्ना हो गया। उसने चारों ओर गुप्तचर छोड़ दिये। गुप्तचरों ने कुछ दिन बाद सूचना दी - लाक्षागृह = लाख का महल C 6

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