Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 2
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट-
१
४ ३७
(३) साधुअतिचारचिन्तवन गाथा, प्रा., गा. १, पद्य, मूपू.,
(सयणासणन्नप) १७९४-२४(१) (३) साधुदेवसिप्रतिक्रमणअतिचार श्वे.मू.पू., मागु., गद्य, मूपू.,
(ठाणे कमणे) ६०६२-४० (३) साधुपाक्षिकअतिचार श्वे.मू.पू., मागु.,प्रा., गद्य, पू.,
(नाणम्मि दं) १०१४-१, १३७८-३, ४६२५-१, ५२२४, ६६२२-१,
१११७-१, १७३३, ८५९-१(६), ४७७६-२(5) (३) साधुराईप्रतिक्रमणअतिचार श्वे.मू.पू., प्रा.,मागु., गद्य, मूपू.,
(सन्थारा उव) ६०९१-१८(+), ६०६२-५(5) (२) साधुप्रतिक्रमणसूत्र-स्थानकवासी, प्रा., प+ग, स्था., (नमो __ अरिहन) १५४५५), २४८७(+). ३९०८ (३) साधुप्रतिक्रमणसूत्र-स्थानकवासी-टबार्थ', मागु., गद्य, स्था.,
(--) २४८७) (३) साधुप्रतिक्रमणसूत्र-स्थानकवासी-टबार्थ, मागु., गद्य, स्था.,
(नमस्कार हो) १५४५(+) (२) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-तपागच्छीय, प्रा.,सं.,मागु., प+ग, __ मूपू., (नमो अरिहन) २९३४), ३८४३६+६), ९१२७, ६०१९-१७) (३) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-तपागच्छीय-अवचूरि, सं., गद्य,
मूपू., (-) ३८४३(45) (३) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-तपागच्छीय-टबार्थ, मागु., गद्य,
मुपू., (जे त्रिभुव) ९१२७ (३) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-तपागच्छीय-टबार्थ', मागु., गद्य,
मूपू., (माहरो अरिह) २९३४) (३) पार्श्वजिन चैत्यवन्दन, प्रा., गा. २, पद्य, मूपू..
(चउक्कसायपड) ८८४२-३(+). ५८२७-९४, ५४८९-५०७,
| (३) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-स्थानकवासी-टबार्थ', मागु., गद्य,
स्था., (-) ५१३४, ७४५८ (३) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-स्थानकवासी-टबार्थ, मागु., गद्य,
स्था., (नमस्कार हो) ९२५१(+) (२) सामायिक ३२ दूषण, मागु., गद्य, मूपू., (प्रथम १०) ११०७
३), ५८२७-९० आशीर्वचन पाठ, सं., श्लोक १, पद्य, मूपू., (नक्षत्राक) ३७४८-२) आषाढकार्तिकफाल्गुनचातुर्मासिक व्याख्यान, सं., गद्य, मूपू.,
(श्रीपार्श) ८९३३ आस्रवत्रिभङ्गी, मु. श्रुतमुनि, प्रा., गा. ६२, वि. १४वी, पद्य, दि.,
(पणमिय सुरि) ५४५३-१(4), १६४-१(+#) (२) आस्रवत्रिभङ्गी-लाटीय स्वोपज्ञ टीका, मु. श्रुतमुनि, कन्नड,
गद्य, (-)-<प्रतहीन.> | (३) आस्रवत्रिभङ्गी-सुबोधा टीका, सं., गद्य, दि., (सर्वज्ञ) १६४
(२) आस्रवत्रिभङ्गी-यन्त्र, सं.प्राहिं., ३ त्रिभंगी, यंत्र, दि.,
(विशेष शब्द) १६४-१(+#) इकारधर्म रथ, प्रा., गा. १, प+ग, मूपू., (धम्मट्ठीउ) ७५३९-१६ इन्द्रियपराजयशतक, प्रा., गा. १००, पद्य, मूपू., (सुच्चिअ सू)
७९२-२(+), ३८७८-१(+), ४४३३(+), ७५६८-१(+), ८८२०),
४२६२). ३८४७, ४०९९, ८८७२-१ (२) इन्द्रियपराजयशतक-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., (तेहिज
शूरा) ४२६२६) (२) इन्द्रियपराजयशतक-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (तेहिज सूर)
७९२-२(+), ३८७८-१(+), ४४३३(+), ७५६८-१(+), ८८७२-१ इन्द्रियादिक विचार सङ्ग्रह, प्रा., पद्य, मूपू., (चउदसपुवी)
८९९३-४(७ इरियावही कुलक, प्रा., गा. १०, पद्य, मूपू., (चउदस पय अड) । २१६१-१(4)
(२) इरियावही कुलक-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (चौदह नारकी)
६०९७-४(5)
२१६१-१(६)
(४) पार्श्वजिन स्तुति-अवचूरि, सं., गद्य, मूपू., (भुवनत्रयस)
८८४२-३(+) (२) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-पायचन्दगच्छीय, प्रा., प+ग, मूपू.,
(नमो अरिहन) १६६४ (२) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-लोङ्कागच्छीय, प्रा.,सं., प+ग,
स्था., (णमो अरिहन) २०८९ (२) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र सङ्ग्रह-खरतरगच्छीय, प्रा.,सं.,
प+ग, मूपू., (णमो अरिहन) ६१-१(+), ११०७-४(+), ८९५३(+),
१४८५-१(+), १७९४-१(+#), ५८२७-१, ३०६५-१, ६६५३६६) (३) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र सङ्ग्रह-खरतरगच्छीय-बालावबोध,
मागु., गद्य, मूपू., (सुरासुरनमस) ६१-१(+), ८९५३(4) (२) साधुश्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-स्थानकवासी, प्रा.,गुज., प+ग,
स्था., (नमो अरिहन) ९२५१(+), ६९७५(45), ४०१३, ४३११-१, ५१३४, ५३५२, ७४५८, ३०८१(#-)
इरियावही रथ, प्रा.,मागु., गा. १, प+ग, मूपू., (उवसम धरेण)
७५३९-१७ उक्तिरत्नाकर, उपा. साधुसुन्दर, प्रा.,सं., गद्य, मूपू., (स्मृत्वा)
|
७२८६)
उत्तमकुमार चरित्र, सं., गद्य, मूपू., (भक्त्या वस) ९१७७ उत्तमकुमार चरित्र-वस्त्रदाने, सं., गद्य, जै., (परमेष्ठिं) ५२७० उत्तराध्ययनसूत्र, मु. प्रत्येकबुद्ध, प्रा., ३६अध्ययन, ग्रं.२०००,
प+ग, मूपू., (सञ्जोगाविप) ७४(+), ७९(+), १३५(५), १३८(५), ७०९(+), ७१४(+), ८६६(+), ८७७+), १०२१(+), ३६४४(+),
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