Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 2
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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८५६३
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संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट-१ ४५९ १६५६, पद्य, मूपू., (श्रीपार्श) ३२७(+)
३४०४(45), ८०७२(+5), ८४६, ८४०६, ९०२८, ८५६३ (२) दानप्रकाश-टबार्थ, गणि ऋद्धिविजय, मागु., गद्य, मूपू., (२) दीपावलीपर्व कल्प-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., (मङ्गलीक (श्रीपार्श) ३२७+)
दी) ८९६५-१(+), ६४७४, ८९३२ दानशीलतपभावना कुलक, मु. अशोकमुनि, प्रा., गा. ५०, पद्य, (२) दीपावलीपर्व कल्प-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (अष्ट माहाप)
जै., (देवाहिदेवं) ९०२२(+), ४३६-१(+), ३९०७(+), ५१११(+), २४४(+), २५५-१(+), ३४०४(+६)
४११८-१(45), १२९५-१(+5), १७४०, ३९८७, ५७४४, १२८६ (२) दीपावलीपर्व कल्प-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (श्रीमहावीर) (२) दानशीलतपभावना कुलक-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू.,
(देवाधिदेवन) ९०२२(+). ३९०७), ५१११(+), ४११८-१(45), (२) दीपावलीपर्व कल्प-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (श्रीमहावीर) १२९५-१(45), १७४०, ५७४४, १२८६
३२८४(+) (२) दानशीलतपभावना कुलक-टबार्थ+कथा, मागु., गद्य, जै., (२) दीपावलीपर्व कल्प-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (श्रीवर्द्ध) ९०२८ (देवाधिदेवन) ३९८७
(२) दीपावलीपर्व कल्प-टबार्थ, गणि सुखसागर, मागु., ग्रं.१२००, दानशीलतपभावना कुलक, आ. देवेन्द्रसूरि, प्रा., गा. २०, पद्य, ___ वि. १७६३, गद्य, मूपू., (अर्हन्त बा) ४५४१(+). ५२०९(+). मूपू., (परिहरिय रज) ५८११(45)
२०८६-१९), २२७७+#), ८०७२(45), ८४६, ८४०६ (२) दानशीलतपभावना कुलक-टीका, सं., गद्य, स्पू., (महावीरं । (२) दीपावलीपर्व कल्प-बालावबोध+कथा, मागु., गद्य, मुपू., नम) ५८११(३)
(स्वस्ति) २५८५६) दानादि विषयक दृष्टान्त कथा सङ्ग्रह, प्रा.,सं., गद्य, मूपू., दीपावलीपर्व कल्प, आ. हेमचन्द्रसूरि कलिकालसर्वज्ञ, सं., श्लोक (वसही सयणास) ४५७१, ७३०२
२७८, पद्य, मूपू., (सन्तु श्री) ५९२२(+), २७३०-१(+#) दीक्षा विधि, सं.,प्रा., गद्य, मूपू., (आदौ खमा०) ६०२१-२ दीपावलीपर्वगुणनविधि, सं., गद्य, जै., (ॐ ह्रीं) १०९६-२, ४०३६दीक्षा विधि, सं.,प्रा.,मागु., गद्य, मूपू., (पूर्व शुभव) ५०२२-२ दीक्षा विधि, सं.,प्रा.,मागु., गद्य, मूपू., (प्रथम दिने) ८५४१-१ दीपावलीपर्व व्याख्यान, सं.,प्रा., गद्य, मूपू., (जाते वीरजि) दीक्षा विधि, प्रा.,गुज.,सं., गद्य, मूपू., (अथ सम्यक्त) २०९६-२) ५८३६-४(4) दीक्षा विधि, प्रा.,सं.,मागु., गद्य, मूपू., (पुच्छा वास) ५०५३-१ दीपावलीपर्व व्याख्यान, सं.,मागु., गद्य, मूपू., (पापायां पु) ६५३७दीक्षा विधि, प्रा.,मागु., गद्य, मूपू., (योग्य पुरु) ६०२१-६, ८१६३
दीपावलीपर्व स्तुति, आ. जिनचन्द्रसूरि, सं., श्लोक ४, पद्य, मूपू.. दीपालिका कल्प, आ. विनयचन्द्रसूरि, सं., श्लोक २७८, वि. (पापायां पु) २६२६-२६(+), १७९४-२२(+), १७९९-१२(+5), १३४५, पद्य, मूपू., (श्रीवर्द्ध) ८३१३
५४०४-३, ५४९०-२७, ५८२७-२०, ६०११-३९, १७९१-१८(), दीपावली कल्प, सं., गद्य, मूपू., (सन्तु श्री) ८९२५, ९१३८
१४८७-१५७, ७५४४-१३(5) (२) दीपावली कल्प-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (नमस्कारहो) दुःखप्रतिकारविज्ञप्ति स्तोत्र, आ. मुनिसुन्दरसूरि, सं., श्लोक ३६, ८९२५
पद्य, मूपू.. (आनन्दं यः) २६४ दीपावलीपर्व कल्प, प्रा., गा. १३७, पद्य, मूपू., (उप्पायविगम) दुग्धद्वादशीव्रत कथा, सं., श्लोक २२, पद्य, दि., (सन्मतिजिनम) ६१२८(+), २३६३-१(+5), २७२६, ५२४७
६००२-१४(4) (२) दीपावलीपर्व कल्प-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (उप्पन्नेवा) दुरियरयसमीर स्तोत्र, आ. जिनवल्लभसूरि, प्रा., गा. ४४, पद्य, २३६३-१(+5), २७२६, ५२४७
मूपू., (दुरिअरयसमी) २११६(+), २६२६-६७), १४८५-१४(+), दीपावलीपर्व कल्प, प्रा., गा. १३६, पद्य, मूपू., (तेणं कालेण) ५४०४-१, ५४९०-३८, ५८२७-८०, ६०११-१५, ३०६५-२, ५०४२-२(4)
५४८९-८(5), ६७८१-४६) (२) दीपावलीपर्व कल्प-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (पर्यन्त ते) (२) दुरिअरयसमीर स्तोत्र-टीका, गणि साधुसोम, सं., गद्य, मूपू., ५०४२-२(+)
(वर्द्धयतु) २११६(+) दीपावलीपर्व कल्प, आ. जिनसुन्दरसूरि, सं., श्लोक ४३७, दुषमकाल श्रीश्रमणसङ्घ स्तव, आ. धर्मघोषसूरि , प्रा., गा. २५,
ग्रं.१५००, वि. १४८३, पद्य, मूपू., (श्रीवर्द्ध) २४४(+), २५५-१(+). ___ पद्य, मूपू., (वीरजिण भुव) ६०४४-४(+) ३२८४(+), ४५४१(+), ५२०९), २०८६-१(+), २२७७+#), दुष्करचतुष्क गाथा, प्रा., गा. १, पद्य, जै., (अक्खाण रसण)
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