Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 2
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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९२७५)
५५२६-२(#s)
संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट-१ ४७९
(मारुदेवं) ६०७०-८(+) (२) मुनिपति चरित्र सारोद्धार, सं., गद्य, मूपू., (मुनिपति चर) (२) मेरुत्रयोदशीपर्व व्याख्यान- टबार्थ, मागु., गद्य, मुपू., ५६९२
(मरुदेवीको) ८६१५ मुहपत्तिपडिलेहण गाथा, प्रा., गा. ४, पद्य, मूपू., (मुहपत्ती) मेरुपङ्क्ति विधि, मु. धवलकीर्ति, सं., श्लोक ४०, पद्य, दि., १४८५-५१(+)
(जितारातीन) ६००२-१०+) मुहूर्तमुक्तावली, आ. परमहंस परिव्राजक, सं., श्लोक ४५, पद्य, मौनएकादशी कथा, सं., गद्य, मूपू., (अथ मार्गशी) ७८१५-१ (श्रीशं श्र) १४४९-१(१), ८०८८-१
मौनएकादशीतिथि स्तुति, सं., श्लोक ४, पद्य, मूपू., (श्रीभाग्ने) (२) मुहूर्तमुक्तावली-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (श्रीपार्श) १४४९- ८७८०-१ १), ८०८८-१
(२) मौनएकादशीतिथि स्तुति-वृत्ति, मु. क्षमाकल्याण, सं., गद्य, मूत्रपरीक्षा, सं., श्लोक ३०, पद्य, जै., (श्रीमत्पार) १३४५-२(4), मूपू., (श्रियं भजत) ८७८०-१
मौनएकादशीपर्व कथा, सं., गद्य, मूपू., (शान्तीशं) ४७९३) मृगसुन्दरी कथा, सं., श्लोक १४७, पद्य, मूपू., (प्रणम्य) ८५४८) | मौनएकादशीपर्व कथा, सं., गद्य, मूपू., (श्रीवीर) २५८-१(+), २४६मृगाङ्क चरित्र, मु. ऋद्धिचन्द्र, सं., श्लोक २८८, पद्य, मूपू., १, २३२१-१, ४५५५ (श्रीपार्श) १७१६(+)
(२) मौनएकादशीपर्व कथा-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (श्रीवर्द्ध) (२) मृगाङ्क चरित्र-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (श्रीमत्पार)
४५५५ __ १७१६(+)
मौनएकादशीपर्व कथा, प्रा., गा. १५७, पद्य, मूपू.. (सिरिवीर) मृत्यु महोत्सव, सं., श्लोक १८, पद्य, दि., (मृत्युमार) ६१७५(4) ६०८४-५(+, ६४३२-२(+), १९६१, ५८०७, ६५९६, ७८९०-१, (२) मृत्यु महोत्सव-अर्थ, श्रा. सदासुखजी, प्राहिं., वि. १९१८,
६५३७-५७) गद्य, दि., (मुक्ति के) ६१७५(+)
(२) मौनएकादशीपर्व कथा-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (श्रीमहावीर) (२) मृत्यु महोत्सव-भावार्थ, श्रा. सदासुखजी, प्राहिं., गद्य, दि.,
१९६१ (मै अनादि) ६१७५(
मौनएकादशीपर्व कथा, आ. रविसागर, सं., श्लोक २०१, वि. मेघदूत, कालिदास, सं., श्लोक ११५, ग्रं.३५०, पद्य,
१६५७, पद्य, मूपू., (प्रणम्य ऋष) ५४२७९+), ५१४१, ६२७५, (कश्चित्कान) २५३०(4), २५५०()
९१६, २५१ (२) मेघदूत-अवचूरि, सं., गद्य, मूपू., (कश्चिदनिर) २५५०(१) (२) मौनएकादशीपर्व कथा-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (पार्श्वदेव) (२) मेघदूत-अवचूरि, सं., गद्य, (रामेण दरथा) २५३०(4)
५४२७+). ५१४१ (२) नेमिदूत, श्रा. विक्रम, सं., श्लोक १२६, वि. १३वी, पद्य, मूपू., | (२) मौनएकादशीपर्व कथा-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (प्रणमीने) (प्राणित्रा) २७९८). २४९८६), १९०८
६२७५, ९१६, २५१९७) (३) नेमिदूत-टीका, आ. गुणविनयसूरि, सं., वि. १६४४, गद्य, मौनएकादशीपर्व कथा, आ. सौभाग्यनन्दिसूरि, सं., श्लोक ११६, मूपू.. (श्रीपार्श) २७९८), २४९८+5)
वि. १५७६, पद्य, मूपू., (अन्यदा नेम) २५८-२(+), ६०८५-२(45), मेघमालाव्रत कथा, सं., श्लोक ७०, पद्य, दि., (श्रीवर्द्ध) ६००२- ९४५, १८४४, ५२६३, ५७५७, ७७०१
(२) मौनएकादशीपर्व कथा-टबार्थ, मु. सौभाग्यचन्द्र, मागु., गद्य, मेघमालाव्रत कथा, सं., गद्य, दि., (नमः श्रीवर) ६००२-१(+) मूपू., (मौनएकादशीप) ५२६३, ५७५७ मेरु १६ नाम, प्रा., गद्य, जै., (एमन्दरस्सण) १४८०-२) मौनएकादशीपर्व कथा माहात्म्य, मु. दानचन्द्र, सं., श्लोक २२०, मेरुत्रयोदशी कथा, सं., गद्य, मूपू., (--) ६१९२(5)
वि. १७०८, पद्य, मूपू., (ऐश्वयौदा) २३६३-२६+६) मेरुत्रयोदशी कथा, सं., गद्य, मूपू., (प्रणम्य भा) ८४८५९), (२) मौनएकादशीपर्व कथा माहात्म्य-टबार्थ', मागु., गद्य, मूपू., ३२९१९), ४२९०-१, ८१४५, ६२७०-१९७)
(इश्वरपj) २३६३-२(5) मेरुत्रयोदशीपर्व व्याख्यान, पाठक क्षमाकल्याण, सं., ग्रं.१६५, वि. | मौनएकादशीपर्व माहात्म्य, मु. धीरविजय, सं., श्लोक १०९, वि.
१८६०, गद्य, मूपू., (मारुदेवं) ५८३६-१+), ९१३२(+), ६०८५- १७७४, पद्य, मूपू., (वर्द्धमान) ८२४८, ८४०९ ८(45), ५४८७, ८६१५
| (२) मौनएकादशीपर्व माहात्म्य-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (श्रीवर्द्ध) (२) मेरुत्रयोदशीपर्व व्याख्यान-भाषान्तर, मागु., गद्य, मूपू.,
८४०९
४०)
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