Book Title: Jivan Drushti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 43
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३२ जीवन दृष्टि महात्मा गांधी देश में रामराज्य स्थापित करना चाहते थे. क्यों? इसलिए कि रामचन्द्रजी पुरुषोत्तम थे - नैतिकता के पोषक थे - सदाचार के प्रतीक थे. __ आचार्य हेमचन्द्रसूरिने लिखा है- "रामायण का ग्रन्थ घर-घर में होना चाहिये. उसका पारायण होना चाहिये." उनकी मान्यता थी कि रामायण के माध्यम से प्राप्त श्री राम के आदर्श जीवन का परिचय कभी न कभी हमारे जीवन को भी अवश्य परिवर्तित करेगा. प्राचीन काल में विश्रान्ति के समय माताएँ अपने बच्चों को रामायण के आधार पर छोटीछोटी कहानियां सुनाती थीं. उनसे बच्चों को आदर्श की, नैतिकता की, सदाचार की प्रेरणा मिलती थी. बड़े होने पर उनका जीवन संस्कारों की सुगन्ध से महक उठता था. आज वैसा नहीं है, फलस्वरूप बालक बड़े होकर अभिभावकों के लिए सिरदर्द बन जाते हैं. यह घर-घर की कहानी है, किसी एक घर की नहीं. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र : पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए राजपाट का त्याग करके श्रीराम ने वनवास स्वीकार किया. उनके मन में ऐसा विचार नहीं आया कि मैं बड़ा भाई हूँ. इसलिए परम्परा के अनुसार राज्य पर मेरा अधिकार है, यह मेरी प्रतिष्ठा का प्रश्न है, किसी भी तरह मुझे अपना अधिकार नहीं खोना चाहिये.... ___ यदि यही प्रसंग आज किसी घर में उपस्थित हो तो बेटा बापको सुप्रीम कोर्ट तक ले जायेगा. वकीलों और बैरिस्टरों की फौज खड़ी कर देगा! अपना अधिकार पाने के लिए पानी की तरह पैसा बहा देगा. दशरथ का सदाचार देखिये, श्रीराम के लिए उन्होंने प्राण त्याग दिये परन्तु वचन के लिए श्रीराम को भी त्याग दिया. आज भी यह चौपाई उनकी याद दिलाती है. "रघुकुल रीति सदा चलि आई। प्राण जाई पर वचन न जाई ।।" आज तो वचन का कोई मूल्य ही नहीं रहा. वोट पाने के लिए आम चुनाव के समय जनता को वचन पर वचन दिये जाते हैं, किन्तु कुर्सी पर बैठते ही सब भूल जाते हैं. श्रीराम का भ्रातृ प्रेम देखिये, वनवास की अवधि समाप्त होने पर वे हनुमान को अयोध्या भेजते हैं - यह जानने के लिए कि मेरे लौटने पर कहीं अधिकार छिन जाने से भाई भरत को दुख तो नहीं होगा. यदि ऐसा तनिक भी आभास हो तो मैं दुबारा वन में लौट जाऊँ. आदेशानुसार हनुमान अयोध्या जाकर लौट आते हैं और श्रीराम से कहते हैं - "आपके शुभागमन For Private And Personal Use Only

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