Book Title: Jivan Drushti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 110
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मितभाषिता: एक मौन साधना पाने के लिए वह स्वयं राजसभा में उपस्थित हुई. मालिक चुनने में हुई मेरी कछू न चूक । www.kobatirth.org विधवा की मांग सुनकर राजा ने उसे सलाह दी कि वह दूसरा विवाह कर ले और किसी पुरुष के आश्रय में रहे ; किन्तु वह दूसरा विवाह करना नहीं चाहती थी. वह जानती थी कि युद्ध में काम आने वालों के परिवार का पालन-पोषण करना राजा का कर्त्तव्य है. अपने उस कर्त्तव्य से बचने के ही लिए राजा मुझे पुनर्विवाह की सलाह दे रहे हैं, जो अनुचित है, उस पतिव्रता बुद्धिमती विधवा महिला ने वहीं एक दोहा बनाकर राजा को इस प्रकार सुनायाः मालिक चुनने में हुई मालिक की ही चूक । । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ९९ मालिक (पति) चुनने में मेरी कोई भूल नहीं हुई; क्योंकि मैंने ऐसे मालिक को, जिसने वीरता पूर्वक युद्ध क्षेत्र में अपने मालिक (स्वामी - राजा) की रक्षा में अपने प्राण लुटा दिये, चुना (पति बनाया) किन्तु अपना मालिक (स्वामी- राजा) चुनने में मालिक (पतिदेव) ही चूक गये. कि उन्होंने ऐसे मालिक को चुना जिसे अपने कर्त्तव्य का भान नहीं है और जो मुझे पुनर्विवाह करने की अनुचित सलाह अपने कर्त्तव्य पालन की जिम्मेदारी से बचने के लिए दे रहा है. छोटे से दोहे में ऐसे गम्भीर भाव भरे हुए थे कि उसे सुनते ही राजा की आँखें खुल गई. उसे अपनी भूल का भान हो गया. तत्काल उसने उस महिला के परिवार के पालन-पोषण की समुचित व्यवस्था कर दी. यद्यपि दोहे में उस महिला ने अपने पतिदेव की भूल बताई थी, राजा की नहीं; फिर भी उसमें उसे राजा की कर्त्तव्य हीनता पर जो व्यंग्य किया गया था, उससे राजा साहब तिलमिला उठे और उन्हें अपने कर्त्तव्य का पालन करना ही पड़ा. जिस प्रकार कोमल शब्दों के प्रयोग से विधवा पत्नी ने राजा को प्रभावित किया, उसी प्रकार एक बार पति ने किस प्रकार अपनी पत्नी को प्रभावित किया- सो भी एक बहुत मनोरंजक कथा है : पति द्वारा पत्नी को सबक : एक घर में आई हुई नई पुत्र- वधू सारे परिवार पर अपनी धाक जमाना चाहती थी. उसने परिवार के सदस्यों के अन्धविश्वास से लाभ उठाने की एक योजना बनाई. For Private And Personal Use Only उस योजना के अनुसार अपने मस्तक के बाल बिखेर कर उसने रौद्र रूप धारण कर लिया. 'फिर विचित्र ढंग से हाथ-पाँव और मस्तक हिलाती हुई चिल्लाकर बोली :- " मैं इसे ले जाऊँगी.

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