Book Title: Jivan Drushti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४२ जीवन दृष्टि रहता है. शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बिना पैसे की दवा बताई है मैंने. धर्म शास्त्र कहते हैं अनस्तभोजनो नित्यं, तीर्थयात्राफलं लभेत् । [सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच दिन को ही जो नित्य भोजन करता है, उसे तीर्थयात्रा का फल मिलता है.] ये रात्रौ सर्वदाहारम्, वर्जयन्ति सुमेधसः । तेषां पक्षोपवासस्य, फलं मासेन जायते । । [जो अत्यन्त बुद्धिमान व्यक्ति रात्रि भोजन का सदा त्याग करते हैं, उन्हें प्रतिमास पक्षोपवास (पन्द्रह उपवास) का फल मिलता है.] रात्रि भोजन के दुष्परिणाम : रात्रि भोजन से हानि क्या होती है? इस पर धर्म शास्त्रों में लिखा हैउलूक-काक मार्जार, गृध्र-शम्बर-शूकराः। अहि-वृश्चिक गोधाश्च, जायन्ते रात्रिभोजनात् ।। [रात्रि भोजन से जो पाप लगता है, उसके फलस्वरूप जीव परलोक में उल्लू, कौए, बिलाव, गीध, सांभर, सूअर, साँप, बिच्छू या गोह के शरीर में उत्पन्न होते हैं.] रात को भोजन करने की तो दूर, भोजन का विचार तक मन में न आने देने का उपदेश देते हुए प्रभु महावीर कहते हैं - अत्थंगयम्मि आइच्चे, पुरत्था य अणुग्गये । आहारमाइयं सव्वं, मणसावि न पत्थए ।। [सूर्यास्त के बाद सूर्योदय होने तक (रात को) आहार आदि की मन से भी इच्छा नहीं करनी चाहिये.] रात्रि भोजन के दुष्परिणाम कभी-कभी अखबारों में भी पढ़ने में आते हैं. इन्दौर का एक पुजारी रात को दूध पीने से मर गया, क्योंकि उबालते समय उसमें सांप का बच्चा गिर गया था. उत्तरप्रदेश के एक गांव में खीर खाकर सारे बराती सदा के लिए सो गये, क्योंकि खीर रात को जिस भगोने में बनाई गई थी, उसमें एक सांप गिर गया था. मुजफ्फर नगर में रात को पानी पीते समय एक आदमी मर गया, क्योंकि पानी के साथ एक जीवित बिच्छू गले में उतर गया और उसने डंक मार दिया था. गोगुंदा (उदयपुर) में रात को खाते समय एक भाई के मुँह में आम के अचार की जगह For Private And Personal Use Only

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