Book Title: Jinvijay Jivan Katha
Author(s): Jinvijay
Publisher: Mahatma Gandhi Smruti Mandir Bhilwada

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Page 5
________________ अनुक्रम १. प्राक्कथन २. जीवन कथा के संस्मरण लिखने का आद्य प्रसंग ३. जन्म स्थान का परिचय ४. वंश परिचय ५. दादा और पिता के जीवन की घटनाएं ६. आद्य गुरु के सर्व प्रथम दर्शन ७. गुरु महाराज के स्वर्ग के बाद . ८. सुखानन्दजी का प्रवास और भैरवी दीक्षा ९. मंडप्या निवास-जैन यतिवेश धारण १०. जैन सम्प्रदाय के स्थानकवासी सम्प्रदाय में दीक्षित होना ११. रूपाहेली के स्वर्गवासी वृद्ध ठाकुर श्री चतुरसिंहजी के कुछ पत्र और आनुषंगिक कुछ उल्लेख, ६ - १ १७ - ४ ४८ -७ ७६-८ ८५-१३ १३१-१५ १५६-१६ १६९-२०० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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