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७८, श्री वीर जिनगीतम, ३ वीरजी' उत्तम जन की रीति न
कीनी ५६ ७६. श्री वीर जिनगीतम, ३ साहिब 'वीरजी' हो मेरी तनुकि ५१ ८०. श्र जिन प्रतिमा सिद्धि वीर स्तोत्रम्, १५ भविन जरग नयण वर्गसंड
पड़िबोहगं ५६ ८१. श्री जिनदेव गीतम् ३ लीनउरी मो मन जिन सेती ६२ ६२. श्री प्रभु भजन प्रेरणा ३ कवहूँ मइ नीकइ नाथ न घ्यायउ ५२ ८३. श्री नवपद स्तवन १५ दस दृष्टाते दोहिलउ ५४. दादा श्रीजिनकुशल - सूरि स्तवन ६ जी हो घन वेला धन साघड़ी ६५ ८५. श्रीजिनकुशल
गुरूणां गीतम, ४ जपउ कुशलगुरु नाम निसि वासरई १६ ८६. , , ३ 'कुशल'गुरु अब मोहे दरसण दीजइ६६ ८७. श्री भणशाली थिरु
गीतम, ८ संघवी तू कलियुगि सुरतरु ६७ ८८. श्री शालिभद्र गीतम, १७ मुनिवर विहरण पांगुरथा जी ६८ ८६. श्री अरहन्नक साधु
गीतम् १४ नवलउ नवलइ वेस ६०. श्री वइरकुमार गीतम् १० मइ दस मासि उरि धरपउ
७०
धोटा ७१
६१. श्री भइमत्ता ऋषि
गीतम, १० दीठा गोयम गोचरी जी ७२ ६२. श्री सनत्कुमार मुनि
गीतम, ७ जी हो सोहम इंद प्रससियउ ७३ ६३. श्री वा वली गीतम, ११ पोतइ जइ,प्रतिघूझवउ
(क)