Book Title: Jain Vastu Vidya Author(s): Gopilal Amar Publisher: Kundkund Bharti Trust View full book textPage 7
________________ ............ ...... ..... ... .. ..................... वास्तु-विद्या पर आधुनिक लेखन.. वास्तु-विद्या और पर्यावरण पर्यावरण की शुद्धता... पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ...... पर्यावरण और वनस्पति-जगत् .. द्रव्य की शुद्धता सामग्री के चयन में द्रव्य की शुद्धता......... उपकरणो या औज़ारों का स्तर.... ............ क्षेत्र की शुद्धता भूमि के लिए देश और क्षेत्र का चयन ... भूमि-परीक्षा की आवश्यकता भूमि के ठोसपन की जाँच.... भूमि के शुभ या अशुभ होने की जाँच..... भूमि के चयन में ध्यान रखने योग्य बाते .. भूमि का आकार और स्थिति ... भूमि की शुद्धता : शल्य-शोधन यंत्र दिशा का विवेक भूमि के चयन मे दिशा का महत्त्व दिशा का प्रकृति से तालमेल. शांतिदायक ऐशान दिशा .... दिशाओं के सम्बन्ध में व्यावहारिक नियम ........... शेषनाग-चक्र... काल की शुद्धता ज्योतिष की दृष्टि से काल-निर्णय. वत्स-चक्र द्वारा मुहूर्त का ज्ञान.. भाव की शुद्धता आचार-विचार.... कारीगरों की निष्ठा... स्थपति के गुण... ........... ........... ........ .......... ................ . .. ..Page Navigation
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