Book Title: Jain Vastu Vidya
Author(s): Gopilal Amar
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 6
________________ 'वास्तु-विद्या' का अनुक्रम .. ......... .................. ............ विषय पृष्ठ संख्या प्रकाशकीय सुरेशचन्द जैन.. ...................। लेखकीय डॉ. गोपीलाल 'अमर' .... सम्पादकीय डॉ. सदीप जैन .... आशीर्वचन सहितासूरि पं. नाथूलाल शास्त्री . ................... .....VII प्रस्तावना डॉ. सुदीप जैन ....................x वास्तु-विद्या का अर्थ और महत्त्व वास्तु-विद्या का महत्त्व .... निर्माण कार्य : प्राचीन और आधुनिक . वास्तु' शब्द का अर्थ. 'वास्तु और स्थापत्य' शब्दो की एकरूपता ... 'वास्तु' और 'शिल्प' शब्दो की तुलना .... वास्त-विद्या और 'कला' की समानता..... वास्तु-विद्या : अतीत पर विहंगम दृष्टि ... ............. ..... वास्तु-विद्या का अन्य विषयों से सम्बन्ध वास्तु-विद्या और शिल्पशास्त्र. वास्तु-विद्या और चित्रकला ...... .. वास्तु-विद्या और धर्मशास्त्र .. वास्तु-विद्या और अर्थशास्त्र..... वास्तु-विद्या और समाजशास्त्र. ........... वास्तु-विद्या पर उपलब्ध साहित्य वास्तु-विद्या पर वैदिक साहित्य करणानुयोग के ग्रंथों में वास्तु-विद्या .............. प्रतिष्ठा-पाठों मे वास्तु-विद्या . पंडित आशाधर कृत 'प्रतिष्ठा-सारोद्धार'... ठक्कुर फेरु कृत 'वत्थु-सार-पयरण'. अन्य विषयों के ग्रंथो मे वास्तु-विद्या ................ . ............... ....... 6 . ..... .... 10 .... 10 ................ ......... ......... ....12

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