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पंजाब, हिमाचल, जम्मू
चण्डीगढ़
Jain AEducation International 2010_03
जैन तीर्थ परिचायिका
पठानकोट- जालन्धर सड़क मार्ग पर 5 कि.मी. की दूरी पर दामताल मन्दिर भी दर्शकों को विमुग्ध कर देता है । मन्दिर की दीवारों पर रामायण व महाभारतकालीन आख्यान उत्कीर्ण हैं। ठीक इसी प्रकार 13 कि.मी. उत्तर में सुन्दर नैसर्गिक सुषमा के बीच 16वीं शताब्दी की दुर्गनगरी साहापुर काण्डी का परिभ्रमण भी किया जा सकता है।
दिल्ली से 248 कि.मी., अम्बाला से 47 कि.मी. दूर हरियाणा एवं पंजाब की राजधानी केन्द्रशासित चण्डीगढ़ स्थित है । चण्डीगढ़ से आगरा, दिल्ली, जयपुर, देहरादून, हरिद्वार, नंगल सहित उत्तर व पश्चिम भारत की विभिन्न दिशाओं के लिए अनवरत बस सेवा है। रेल मार्ग द्वारा चण्डीगढ़, दिल्ली, कोलकाता, कालका आदि से सम्पर्क में है। दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस द्वारा चण्डीगढ़ की आरामदायक यात्रा की जा सकती है।
चंडीगढ़ से शिमला 117 कि.मी. दूरी पर है। कुल्लू-शिमला से 220 कि.मी. दूरी पर है। मनाली-कुल्लू से 40 कि.मी. दूर है। धर्मशाला-मनाली से 244 कि.मी. तथा पठानकोट से 90 कि.मी. दूर है। धर्मशाला से चामुण्डा देवी 13 कि.मी. है। धर्मशाला से ज्वाला जी कांगड़ा होकर 54 कि.मी. पड़ता है। पठानकोट से 80 कि.मी. दूर डलहौजी है । डलहौजी पहाड़ी शहर है। पठानकोट से 122 कि.मी. दूर चम्बा है। चम्बा - डलहौजी बस सेवा भी है। चंडीगढ़ से 103 कि.मी. दूर अत्यन्त प्रसिद्ध बाँध भाखड़ा नांगल बाँध है। इसको छोड़ अन्य सभी पहाड़ी क्षेत्र है वहाँ सीजन के अनुसार होटल की दरें कम ज्यादा होती रहती हैं। दर्शनीय स्थल : आधुनिकता का परिवेश ओढ़े बसा शहर चण्डीगढ़ अपनी सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। अत्यंत सुनियोजित तरीके से सैक्टरों में बंटा यह शहर कलात्मकता से सजाकर इस जादूनगरी की रचना की गयी है । सचिवालय के निकट सैक्टर 1 में नेकचंद द्वारा तैयार रॉक गार्डेन अपनी विचित्रता, अभिनवता व सौन्दर्य के लिए पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसके अतिरिक्त शुष्क झील, चण्डीदेवी का मन्दिर एवं एशिया का विशालतम बाग जाकिर गुलाब बाग भी दर्शनीय है।
ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए चण्डीगढ़ में अनेकों होटल एवं धर्मशालाएँ उपलब्ध है।
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