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जैन तीर्थ परिचायिका
राजस्थान
मलनायक: श्री संभवनाथ भगवान।
श्री डेरणा तीर्थ
मार्गदर्शन : आबू रोड रेल्वे स्टेशन से लगभग 8 कि.मी. दूरी पर यह तीर्थ स्थित है। स्टेशन पर
कार एवं जीप सुविधा उपलब्ध है। परिचय : मन्दिर प्राचीन है एवं अत्यन्त मनोरम है। दूर से ही दृश्य मन भावन प्रतीत होता है।
यह तीर्थ डेरणा ग्राम के बाहर स्थित है। इसका निर्माण लगभग 12वीं सदी से पूर्व का है।
भगवान की भावात्मक प्रतिमा मन को मोह लेती है। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने का यहां साधन उपलब्ध न होने के कारण आबू रोड ठहरना ही
श्रेयस्कर है।
पेढ़ी: श्री डेरणा जैन श्वेताम्बर तीर्थ डेरणा ग्राम (आबू रोड) जिला-सिरोही (राज.)
मूलनायक : श्री आदीश्वर भगवान, श्वेतवर्ण।
श्री ओर तीर्थ मार्गदर्शन : आबूरोड से यह स्थान पिण्डवाड़ा रोड पर 6 कि.मी. दूरी पर है।
पेढ़ी: परिचय : प्रभु प्रतिमाएँ दर्शनीय हैं। यह तीर्थ नदी किनारे बसे ओर गाँव में स्थित है।
श्री जैन देरासर पेढी ठहरने की व्यवस्था : यहाँ धर्मशाला है किन्तु खास सुविधा नहीं है। इसलिए आबू रोड में मु. पो. ओर वाया आबूरोड ठहरकर यहाँ आना सुविधाजनक है।
जिला सिरोही (राजस्थान)
मार्गदर्शन : आबू रोड स्टेशन से 27 कि.मी. सड़क मार्ग द्वारा माउन्ट आबू पहुँचा जा सकता है। माउन्ट आब
आबू रोड से टैक्सी एवं बसों का साधन उपलब्ध है। आबू रोड पर अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, अजमेर से ट्रेन सेवा उपलब्ध है। राजस्थान एवं गुजरात के प्रमुख नगरों से आबू के
लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है। माउन्ट आबू पर घूमने के लिए टैक्सी आदि रहते हैं। वर्धमान महावीर केन्द्र परिचय : आबू पहाड़ के अनूठे सौन्दर्य को पैदल ही निहारा जा सकता है। इसके अतिरिक्त सब्जीमंडी के सामने,
टूरिस्ट बंगले से सुबह 8.30 से अपराह्न 1.30 बजे तक तथा अपराह्न 1.30 से सायं 6.00 आबूपर्वत-307 501 बजे तक राजस्थान टूरिज्म द्वारा आयोजित टूर में भाग लेकर आबू पहाड़ को देख सकते हैं। (राजस्थान) आबू पर्वत से 4 कि.मी. दूर गोमुख है और आगे जाने पर वशिष्ठ आश्रम, हनुमान मन्दिर
मला फोन : (02974) 43566 है। 750 सीढ़ियाँ हैं। शहर से पश्चिम, पैदल दूरी पर सूर्यास्त की छटा निहारने के लिए सनसैट पॉइंट का निर्माण किया गया है। सूर्यास्त का यह दृश्य मन मोहक होता है। सनसैट पॉइंट से बाजार मार्ग में नक्की झील है। शहर की हृदयस्थली में चारों ओर पहाड़ से घिरी है यह कृत्रिम नक्की झील। झील में अनेक द्वीप उभरे हुए हैं। झील में जलविहार के लिए शिकारा या नौका भाड़े पर मिलती है। थोड़ी ही दूर पर पाण्डव भवन संस्थान है जहाँ बहुत बड़ा हॉल भी है, ज्ञान सरोवर भी 4 कि.मी. दूर है। ब्रह्माकुमारी म्यूजियम भी है। यहाँ से 2 कि.मी. दूर जाने पर अधरदेवी का मन्दिर है। पहाड़ को काटकर यह मन्दिर 'बनाया गया है। 220 सीढ़ियों की चढ़ाई के बाद इस मन्दिर का द्वार है। प्रवेश द्वार संकीर्ण तो है ही यह खूब नीचा भी है। काफी झुक कर अन्दर प्रवेश करना पड़ता है। यहाँ की आराध्या देवी दुर्गा हैं-अधरदेवी या अर्बुदा देवी के नाम से विख्यात है। इन्हीं देवी के नाम
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