Book Title: Jain Tirth Parichayika
Author(s): Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 189
________________ कर्नाटक बेंगलोर जैन तीर्थ परिचायिका बगीचों का शहर बेंगलोर कर्नाटक की राजधानी है। यहाँ का वातावरण अत्यन्त रमणीक है। इलैक्ट्रॉनिक सिटी के रूप में यह नगर प्रसिद्ध है। देश के सभी प्रमुख नगरों से बेंगलोर वायु, रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। हसन से यह 180 कि.मी., मैसूर से 140 कि.मी., चैत्रई से 330 कि.मी. तथा तिरुपति से 260 कि.मी. दूर है। मैसूर के लिए यहाँ से नियमित बस सेवा है। बेंगलोर रेल्वे स्टेशन व बस स्टैण्ड आमने-सामने हैं। यहाँ की सिल्क साड़ियाँ, चन्दन तेल, चन्दन के बने अन्य सामान हाथी दाँत के सामान अत्यन्त प्रसिद्ध हैं। बेंगलोर देखने हेतु कर्नाटक टूरिज्म द्वारा कण्डक्टैड टर आयोजित किये जाते हैं। रेल्वे स्टेशन से 5 कि.मी. दूर कुब्बन पार्क जो अब जोयारामराजेन्द्रा पार्क के नाम से जाना जाता है, अपने आकर्षण की छाप यात्रियों पर छोड़ता है। यहाँ का म्यूजियम, टॉप ट्रेन, शिशु उद्यान अति आकर्षक है। लालबाग का आकर्षण भी कम नहीं है। पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए यहाँ अनेकों मानोहारी आकर्षण हैं। हैदरअली द्वारा निर्मित तथा टीपू द्वारा पूर्ण किया गया टीपू का महल एवं बुल टैम्पल भी यहाँ दर्शनीय हैं। शहर से 28 कि.मी. दूर रामोहल्ली अर्थात् विशाल वट वृक्ष तीन एकड़ भूमि में अपनी शाखाएँ पसारे हुए हैं। बेंगलोर से 55 कि.मी. दूर पहाड़ी शहर शिवगंगा है। यह पहाड़ पूर्व से नन्दी, पश्चिम से गणेश, दक्षिण से शिवलिंग और उत्तर से फण फैलाए नाग के समान दीखता है। यहाँ के दो मन्दिर एवं झरना प्रसिद्ध हैं। बेंगलोर से 35 कि.मी. दूर देवनहल्ली में टीपू का जन्म हुआ था। यहाँ स्मारक के रूप में मीनार और दुर्ग हैं । बेणुगोपाल का सुन्दर मन्दिर भी यहाँ है। राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 7 पर स्थित देवनहल्ली में श्री नाकोड़ाअवन्ती 108 पार्श्वनाथ जैनतीर्थ धाम का निर्माण हो रहा है। श्री लब्धि विक्रम पट्टालंकार, दक्षिण केशरी पूज्य आचार्य श्री स्थूलभद्रसूरीश्वरजी म. सा. की श्री नाकोडा अवन्ति प्रेरणा से एवं पज्य मनिराज शिल्पकला मनीषी श्री चन्द्रयशविजय जी म. सा. के मार्गदर्शन १०८ पार्श्वनाथ जैन में देवनहल्ली, बेंगलोर की धरा पर एक भव्य तीर्थ श्री नाकोड़ा अवन्ति १०८ पार्श्वनाथ जैन तीर्थधाम तीर्थधाम का निर्माण हो चुका है। पेढ़ी : भारत की ऐतिहासिक भूमि उज्जैन में प. पू. आचार्य श्री सिद्धसेन दिवाकर द्वारा रचित श्री नाकोड़ा अवन्ति १०८ श्री कल्याण मन्दिर स्तोत्र के प्रभाव से प्रमदित श्री अवन्ती पार्श्वनाथ भगवान की मूर्ति का पार्श्वनाथ जैन तीर्थधाम टर प्रतिछाया रूप प्रतिमा एवं राजस्थान का चमत्कारिक तीर्थ नाकोड़ा आदि अन्य तीर्थों में (विक्रम स्थूलभद्र विहार) विराजित १०८ पार्श्वनाथ प्रभु की मूर्तियों के इस तीर्थ पर एक साथ दर्शन-वन्दन का लाभ बेंगलोर से 38 कि.मी., प्राप्त होता है। साथ ही यहाँ 117 जिनालय का निर्माण किया गया है और प्रकट प्रभावी देवनगरी देवनहल्ली जिला बेंगलोर-562 110 श्री मणिभद्र देव, भैरूजी के दर्शन कर मन को असीम शान्ति प्राप्त होती है। फोन : (08119) 82226 यात्रियों की सविधार्थ यहाँ ठहरने की उत्तम व्यवस्था एवं भोजनशाला का भी निर्माण किया गया . गया है। इस तीर्थ पर प्रतिमास की वदी १०वीं को मेला आयोजित होता है। जिसमें नाकोड़ा कॉम्पलैक्स, श्री श्रद्धालुजन भाग लेकर पूजा अर्चना और भक्ति का लाभ लेते हैं। आदिनाथ जैन मन्दिर स्ट्रीट, चिकपेट, बेंगलोर फोन : (080) 2873663 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jaineliba 155

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