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कर्नाटक दिव्य चमत्कार का तीर्थधाम श्री सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम
पेढ़ी: श्री सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम शासन प्रभावक ट्रस्ट बेंगलोर हैदराबाद नेशनल हाईवे नं. 7, देवनहल्ली , बेंगलोर फोन : 08119-82886
जैन तीर्थ परिचायिका श्री लब्धि विक्रम पट्टालंकार, दक्षिण केशरी परम पूज्य आचार्यदेव श्री स्थूलभद्रसूरीश्वरजी म.
सा. के स्वप्न की साकारता रूप एवं पूज्य मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म. सा. की संकल्प सिद्धरूप श्री वीर माणिभद्र की दिव्य शक्ति और आदेशरूप श्री सिद्धाचल स्थूलभद्रधाम तीर्थ निर्माण कार्य जोरों से अग्रसर है। तीर्थधाम में श्री वर्षांतप मंदिर, श्री घेटीपाग मंदिर, अधिष्ठायक देव-देवी मंदिर, धर्मशालाभोजनशाला का निर्माण हो चुका है। कंकर कंकर पर अनंत परमात्मा सिद्ध हुए ऐसे पावन गिरिराज पालीताणा से लाये गये पाषाणों की स्थापना करके इस तीर्थ का निर्माण होने जा रहा है। श्री स्थूलभद्रसूरि संस्कार धाम, विशालकाय तपोवन जैसा जैन विद्यालय आदि अनेक धर्मधामों की योजनाएँ साकार होने जा रही है। 52 जिनालय, 4 मुख्य जिनालय, नवढूंक सहित यह भव्य तीर्थ सुन्दर प्राकृतिक वातावरण में स्थित है।
श्री पार्श्वलब्धि तीर्थधाम
पेढ़ी: श्री पार्श्वलब्धि शासन प्रभावक ट्रस्ट पूना-बेंगलोर हाइवे नं. 4, पो. अडकमनहल्ली माकली टुमकुर रोड, (21 कि.मी. पर), बेंगलोर-562 123 फोन : 08118-23103
बेंगलोर-पूना राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 4 टुमकुर रोड पर बेंगलोर से 21 कि.मी. की दूरी पर प. पू.
दक्षिण केशरी आचार्यदेव श्री स्थूलभद्र सूरि जी म. सा. की प्रेरणा से इस भव्य तीर्थ का । उदगम हुआ है। उक्त तीर्थ में अष्टकोणीय मन्दिर जी में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु के दर्शन देती श्री लब्धि पार्श्वनाथ प्रभु की मूर्ति साथ ही लब्धि निधान श्री गौतम स्वामी, लब्धिधारी दादागुरु श्री लब्धिसूरीश्वर जी म. सा. की गुरुमूर्ति एवं अधिष्ठायक भैरूजी और अम्बिकादेवी की मूर्ति विराजित है जो श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है। दक्षिण भारत के अल्प समय में निर्मित इस तीर्थ का नैसर्गिक वातावरण श्रद्धालु यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ भोजनशाला की व्यवस्था उपलब्ध है। इस तीर्थधाम में प्रतिमास की पूर्णिमा को भव्य मेले का आयोजन होता है जिसमें अनेक श्रद्धालुजन उपस्थित होकर भक्ति का लाभ लेते हैं।
श्री आदिनाथ जैन श्वे. मन्दिर, चिकपेट, बेंगलोर
पता: श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मन्दिर, चिकपेट, बेंगलोर-560053 फोन : 2873678
75 वर्ष पूर्व स्थापित चिकपेट का श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मन्दिर यहाँ का प्रथम एवं प्राचीन
जिनालय है। मूलनायक प्रभु आदिनाथ की अत्यंत सुन्दर और मन भावन प्रतिमा मन को आनन्द अभिभूत कर देती है। इस भव्य जिनालय की कलात्मकता और शिल्पकला अत्यंत दर्शनीय है। द्वार पर विशालकाय गजराज की कलात्मकता, अन्दर की गयी मनमोहक तेल चित्र मन को बरबस अपनी ओर खींच लेती हैं। मूलनायक के निकट ही पार्श्वप्रभु एवं संगमरमर की शांतिनाथ प्रभु एवं महावीर भगवान की चित्ताकर्षक नयन-रम्य प्रतिमाएँ प्रतिष्ठित हैं। आदिनाथ प्रभु के सामने ही गजराज पर माता मरुदेवी की प्रतिमा विराजित है। गर्भगृह के ठीक सामने अधिष्ठायक गौमुखजी एवं अधिष्ठात्री चक्रेश्वरी माता की अनुपम प्रतिमाएँ हैं। वर्तमान में चिकपेट मन्दिर जी के अन्तर्गत आयंबिल खाता, भोजनशाला सुविधा उपलब्ध हैं।
156 _Jain Education International 2010_03
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