Book Title: Jain Tirth Parichayika
Author(s): Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 162
________________ गुजरात श्री नलिया तीर्थ पेढ़ी : श्री चन्द्रप्रभु, श्री शान्तिनाथजी जैन देरासर पेढी वीरवसही हुँक, मु. पो. नलिया, ता. अबडसा, जि. कच्छ (गुजरात) फोन : (02831) 22327 जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री चंद्रप्रभु भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान जखौ से 13 कि.मी. दूरी पर है। यहाँ से तेरा तीर्थ 12 कि.मी. है। मोथाला यहाँ से 34 कि.मी. दूर है। परिचय : सुथरी, कोठारा, जखौ, नलिया और तेरा यह पाँच तीर्थस्थान कच्छ अबडसा की पंचतीर्थी कही जाती हैं। यहाँ के मंदिर का निर्माण सेठ नरसीनाथा ने करवाया। इस मंदिर में 16 शिखर एवं 14 मंडप हैं। जिसकी मनमोहक कला के कारण यह मंदिर अत्यन्त सुन्दर दृश्य प्रदर्शित करता है। मंदिर के पत्थरों पर स्वर्णकलम से कारीगिरी की है। तथा मंदिर के अन्दर रंगीन काँच की सुन्दर नक्काशी की गयी है। यह मंदिर अपनी कलात्मकता के कारण प्रसिद्ध है। इस परिसर में तीन और मंदिर हैं। दर्शनीय स्थल : नलिया से 64 कि.मी. दूर कच्छ का विशिष्ट हिन्दू तीर्थ कोटेश्वर है। यहाँ का महादेव मन्दिर अत्यंत दर्शनीय है। यहाँ का सागर तट तो रमणीय है ही, नारायण मन्दिर व जलाशय भी विशेष दर्शनीय है। नारायण सरोवर में ठहरने हेतु व्यवस्था है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला तथा भोजनशाला की सविधा है। पेढ़ी: श्री तेरा तीर्थ मूलनायक : श्री जीरावला पार्श्वनाथ भगवान। मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान नलिया से 12 कि.मी. दूरी पर है। यहाँ से मोथाला 22 कि.मी. दूर स्थित है। श्री जीरावला पार्श्वनाथ जैन । परिचय : यहाँ की प्रभु प्रतिमा लगभग 2200 साल पुरानी संप्रति महाराज द्वारा प्रतिष्ठित मानी देरासर ट्रस्ट जाती है। इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत् 1915 में हुआ, इसका अंतिम जीर्णोद्धार विक्रम मु. पो. तेरा, ता. अबडसा, संवत् 2027 में होकर आचार्य श्री गुणसागर सूरीश्वरजी म. के सानिध्य में यहाँ की प्रतिष्ठा जि. कच्छ (गुजरात) हुई। इस मंदिर के नव शिखर की कलात्मकता अत्यन्त मनभावन है। इसके पास ही श्री फोन : 02831-86223 श्यामला पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर है। साथ ही यहाँ के ज्ञानमंदिर में कलात्मक तीर्थपट दर्शनीय हैं। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ धर्मशाला तथा भोजनशाला की सुविधा है। जिला खेड़ा श्री मातर तीर्थ पेढ़ी: श्री साचादेव कारखाना पेढी, मु. पो. मातर, जि. खेड़ा (गुजरात) फोन : 02697-85530 मूलनायक : श्री साचादेव सुमतिनाथ भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ । मार्गदर्शन : यहाँ का नजदीक का रेल्वे स्टेशन नडीयाद 21 कि.मी. दूरी पर है। अहमदाबाद से मातर तीर्थ 54 कि.मी. है। स्टेशन से आने के लिए बस एवं टैक्सी की सुविधा है। यहाँ से खेड़ा 5 कि.मी. है। तीर्थ पर अहमदाबाद, बड़ौदा से बस सेवा है। परिचय : यह प्रतिमा सुहुंज गाँव में भूगर्भ से निकाली गयी। वह अति चमत्कारी होने की वजह से श्री साचादेव सुमतिनाथ भ. के नाम से प्रसिद्ध हई। इसी मंदिर में श्री सुपार्श्वनाथ भगवान की अत्यन्त प्राचीन प्रतिमा है। यह तीर्थ 240 वर्ष पुराना है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर पूर्ण सुविधायुक्त धर्मशाला तथा भोजनशाला है। धर्मशाला में 20 कमरे हैं। प्रत्येक पूर्णिमा को भाता दिया जाता है। 132 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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