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दिल्ली
जैन तीर्थ परिचायिका (4) राजघाट-जनपथ से 4 कि.मी. दूर स्थित महात्मा गाँधी का समाधिस्थल राजघाट स्थित है। राजघाट के निकट ही स्थित गाँधी स्मारक संग्रहालय भी अत्यन्त दर्शनीय है। विजयघाट पर भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री की समाधि बनी हुई है। (5) लाल किला-यमुना तट पर स्थित दिल्ली का लाल किला अत्यन्त भव्य बना है। सायं को यहाँ ध्वनि-प्रकाश कार्यक्रम द्वारा मुगलकालीन इतिहास को दर्शाया जाता है। यह कार्यक्रम अत्यन्त आकर्षक है। बच्चों के मनोरंजन हेतु प्रगति मैदान के पास ही अप्पूघर है। जहाँ विभिन्न प्रकार के झूलों एवं रोमांचक खेल-वाहनों के माध्यम से बच्चों और बड़ों का भी भरपूर मनोरंजन होता है। दिल्ली का चिड़ियाघर भी बच्चों के आकर्षण का दूसरा बड़ा केन्द्र है। नेहरू प्लेनेटोरियम को देख अंतरिक्ष के गृहों का आनन्द लिया जा सकता है। पुरानी दिल्ली में लाल किले के सामने लाल जैन मन्दिर भी दर्शनीय है। ठहरने की व्यवस्था : दिल्ली, भारत की राजधानी होने से होटल, धर्मशाला आदि बहुत हैं। श्वेताम्बर जैन समाज के भी अनेक स्थान बहुत सुन्दर बने हुए हैं। जैसे चाँदनी चौक में मालीवाड़ा में जैन धर्मशालाएँ हैं। कनाट प्लेस के पास गोल मार्केट में जैन भवन है। अणुव्रत विहार (दीनदयाल उपाध्याय मार्ग) भी विशाल स्थान है। साउथ एक्सटेंशन पार्ट 2 मस्जिद मोठ के पास श्री जिन कुशलसूरि दादावाड़ी बनी है। जहाँ पर यात्रियों को ठहरने की अच्छी व्यवस्था है। जी. टी. रोड करनाल के 21 कि.मी. पर विजय वल्लभ स्मारक है जो अति भव्य व विशाल है। जहाँ भगवान आदिनाथ का भव्य मन्दिर तथा माता पद्मावती का दर्शनीय मन्दिर है।
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