________________
बिहार जिला नवादा श्री गुणायाजी तीर्थ
पेढ़ी: श्री जैन श्वेताम्बर भन्डार, श्री गुणायाजी तीर्थ गाँव गुणायाजी, डाकघर नवादा, जिला नवादा (बिहार) फोन : 06324-24045
जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री महावीर स्वामी। मार्गदर्शन : यह तीर्थ नवादा स्टेशन से 2 कि.मी. दूर गुणायाजी गाँव में मुख्य मार्ग से 200 मीटर
दूर सरोवर के मध्य स्थित है। नवादा से बस, ऑटो, तांगा तथा रिक्शों की सुविधा है। मन्दिर तक बस व कार जा सकती है। यहाँ दिन में बसों का निरन्तर आवागमन रहता है। यहाँ से
पावापुरी 23 कि.मी. दूर है परिचय : राजगृही के इतिहास में गुणशील चैत्य का वर्णन आता है। यह तीर्थ क्षेत्र भी भगवान
महावीर के समय का है। गुणायाजी ही गुणशील चैत्य का अपभ्रंश माना जाने के कारण यहाँ की विशेष महत्त्वता हो जाती है। क्योंकि भगवान महावीर का अनेकों बार गुणशील चैत्य में ठहरने का उल्लेख आता है। श्री गौतमस्वामी जी को केवलज्ञान भी यहीं हुआ माना जाता है। इसके अतिरिक्त यहाँ एक दिगम्बर मन्दिर भी है। इस जल मन्दिर की निर्माण शैली
व मन्दिर के सामने स्थित तोरण की कला दर्शनीय है। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिये श्वेताम्बर व दिगम्बर धर्मशालाएँ हैं।
जिला नालन्दा
मूलनायक : श्री महावीर भगवान, चरण पादुका ।
मार्गदर्शन : यह तीर्थ पावापुरी रोड स्टेशन से 10 कि.मी. दूर पावापुरी गाँव के बाहर सरोवर के श्री पावापुरी तीर्थ ।
मध्य स्थित है। पटना से 80 कि.मी. पटना-रांची मार्ग पर पावापुरी स्थित है। राजगिरी से
बख्तियापुर रेलमार्ग द्वारा पावापुरी पहुँचा जा सकता है। राजगिरी से पावापुरी 31 कि.मी., पेढ़ी :
नालन्दा से 23 कि.मी., बख्तियारपुर से 23 कि.मी. है। यहाँ कोडरमा, नवादा, गया, पटना, 1. श्री जैन श्वेताम्बर
मोकामा, बख्तियारपुर आदि स्थानों से भी बसों का साधन है। भन्डार ताथ पावापुरा परिचय : यह क्षेत्र प्राचीन काल में मगध देश के अन्तर्गत एक शहर था। आज से लगभग 2500 डाकघर पावापुरी,
वर्ष पूर्व भगवान महावीर चम्पापुरी से विहार करके यहाँ पधारे व राजा हस्तिपाल की जिला नालन्दा
रज्जुगशाला में ठहरे। भगवान के ज्येष्ठ भ्राता नन्दीवर्धन ने अन्तिम देशना स्थल एवं अन्तिम (बिहार)
संस्कार स्थल पर चौंतरे बनाकर प्रभु के चरण स्थापित किये जो आज के गाँव मन्दिर व 2. श्री दिगम्बर तीर्थ
जल मन्दिर माने जाते हैं। जल मन्दिर में चरण पादुकाओं पर कोई लेख उत्कीर्ण नहीं है। कमेटी पावापुरी
समय-समय पर इस मन्दिर का जीर्णोद्धार हुआ। दीपावली त्यौहार मनाने की प्रथा महावीर
भगवान के निर्वाण दिवस से यहीं से प्रारम्भ हुई। गाँव का मन्दिर व जल मन्दिर इन दो डाकघर पावापुरी,
श्वेताम्बर मन्दिरों के अतिरिक्त वर्तमान में यहाँ पर पुराना समवसरण मन्दिर, महताब बीबी जिला नालन्दा
मन्दिर व नया समवसरण मन्दिर हैं। इनके अतिरिक्त जल मन्दिर के पास ही एक विशाल (बिहार)
दिगम्बर मन्दिर है। कमल के फूलों से लदालद भरे सरोवर के बीच जल मन्दिर का दृश्य
व निर्माण शैली का सौन्दर्य वर्णनातीत है। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए गाँव के मन्दिर व नये समवसरण श्वेताम्बर मन्दिर में
सुविधा है। दिगम्बर मन्दिर के निकट ही दिगम्बर धर्मशाला भी है।
कुण्डलपुर तीर्थ
पेढ़ी : श्री जैन श्वेताम्बर भंडार तीर्थ कुण्डलपुर, पो. नालन्दा-803 111 (बिहार)
मूलनायक : श्री ऋषभदेव भगवान । मार्गदर्शन : यह तीर्थ नालन्दा से 2 कि.मी. दूर कुण्डलपुर में स्थित है। नालन्दा, राजगिरी
बख्तियारपुर रेलमार्ग पर स्थित है। राज्य के विभिन्न स्थलों से यहाँ बस सेवा उपलब्ध है। पावापुरी यहाँ से 23 कि.मी. दूर है। राजगिरी से यह 14 कि.मी., बिहार शरीफ से 14 कि.मी., बख्तियारपुर से 40 कि.मी., पटना से 85 कि.मी. दूर है। गया यहाँ से 80 कि.मी. दूर है। स्टेशन पर ऑटो, रिक्शा, ताँगा उपलब्ध रहता है। तीर्थ पर भी टैक्सी मिल जाती है।
Ja28dication International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org