Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 07
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 14
________________ [ १० ] पोल नं० पृष्ठ बोन नं0 पृष्ठ पैंतालीस गाथाएं २५४ ५ १ वां बोल २७१ ५४७ आगम पैतालीस २६० / १००५ आचारांग प्रथम ४६ वां बोल:- २६३ तस्कन्ध के इकावन ६६८ .गणितयोग्य काल परि उद्देशे २७१ माण के ४६ भेद २६३ ५२ वो बोला- २७२ REE ब्राह्मीलिपि के मातृ- १००६ विनय के बावन भेद २७२ काक्षर छियालीस २६४ । १००७ साधु के बावन ४७ वां बोल:- २६५ २७२ . १००० आहार के सैंतालीस ५३ वां वोल:- २७२ दोष २६५ | १०० मोहनीय कर्म के ४८ वां बोल:- २६५ पन नाम । २७६ १००१ तिर्यञ्च के अड़तालीस ५४ वां बोल:- २७७ . ... भेद २६५ / १००६ चौपन उत्तम पुरुष २७७ १००२ ध्यान के अड़तालीस ५५ वां बोल:- २७७ भेद १ १०१• दर्शन विनय के पचपन भेद • २७६ १००३ श्रावक के प्रत्याख्यान ५६वां बोल:- २७७ के उनचास भंग २६ २६७ १०११ छप्पन अन्तरद्वीप २७७ ५० वां वोल:- २७१ ५७ चा चोला- २८० १००४ प्रायश्चित्त के पचास १०१२, संवर के ५७ भेद २० २७१ / भेद प्राप्तिस्थान श्री अगरचन्द भैरोदान सेठिया जैन पारमार्थिक संस्था नायब्रेरी भवन बीकानेर (राजस्थान)

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