Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 06 Author(s): Hansraj Baccharaj Nahta, Bhairodan Sethiya Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner View full book textPage 9
________________ [७] 9 बोलनं० पृष्ठ वोल नं० ६२२ भगवान महावीर की चौवीस गाथाएं चर्या विषयक (आचा ३ ३ विनय समाधि अध्य० रांग वॉ अ० उ०१ दशवैकालिक वॉ , गाथाएं तेईस १६६ अध्ययन उ०२ की ४२३ साधु के उतरने योग्य चौबीस गाथाएं २०१ तथा अयोग्य स्थान ६३४ दण्डक चौवीस २०४ तेईस १७० ६३५ धान्य के चौवीस प्रकार २०५ ६२४ सयगडांग सूत्र के ६३६ जात्युत्तर चौबीस २०६ तेईस अध्ययन १०३ २५ वां बोल-२१५-२२४ २५ क्षेत्र परिमाण के तेईस भेद १७३ / ९३७ उपाध्याय के पच्चीस : २१५ ३२६ पाँच इन्द्रियों के तेईस पाँच महानत की विपय तथा २४० पञ्चीस भावनाए विकार प्रतिलेखना के पच्चीस २४ वां बोला-१७६-२१५ भेद ६२७ गत उत्सर्पिणी के ४० क्रिया पञ्चीस २१८ चौवीस तीर्थकर १६६४१ सूयगडांग सूत्र के ४स ऐरवत क्षेत्र में वर्त- पॉच अ० (दूसरे उ०) मान अवसर्पिणी के की पञ्चीस गाथाएं २१६ चौवीस तीर्थङ्कर १७६ / ६४२ आर्य क्षेत्र साढ़े पच्चीस २२३ ६२६ वर्तमान अवसर्पिणी २६ वां बोला--२२५-२५८ के चौवीस तीर्थकर १७७१३ व्वीस बोलों की ६३० भरतक्षेत्र के आगामी मर्यादा २२५ २४ तीर्थकर १६६/४४ वैमानिक देव के ६३१ ऐरवत क्षेत्र के आगामी छब्बीस भेद २२७ २४ तीर्थङ्कर १६७/ २७ वां बोलः-२२८-२३० ६३२ सूयगडांग सूत्र के दसवे समाधि अध्ययन की ६४५ साधु के सत्ताईस गुण २२८ २१८Page Navigation
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