Book Title: Jain Shastra sammat Drushtikon Author(s): Nathmalmuni Publisher: Adarsh Sahitya Sangh View full book textPage 7
________________ इमं च ण सव्यजगजीवरक्खणदयट्टयाए पावयणं भगवया सुकहियं । प्रश्नव्याकरण सूत्र १ सवरद्वार भगवान्ने जगत्के सर्व जीवोकी रक्षाके लिए प्रवचन किया अर्थात प्रत्येक व्यक्ति सव जीवोकी हिंसासे बचे, इसलिए प्रवचन किया। इम च अलियपिसुणपरुसकडुयचवलवयणपरिरक्खणट्टयाए पाययणं भगवया सुकहियं । -~-प्रश्नव्याकरण सूत्र २ सवरद्वार सब जीव अलीक, पिशुन, कठोर, कटु, चपल वचनसे बचें, इसलिए भगवान्ने प्रवचन किया।Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53