Book Title: Jain Jatiyo ke Gaccho Ka Itihas Part 01 Author(s): Gyansundar Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala View full book textPage 5
________________ विषयानुक्रमणिका +ye१-महाजन संघ की उत्पति २-उपकेशपुर की दुर्घटना ३-उपकेश, उएश, उकेश, उपकेश शब्द की उत्पति ४-कॅवलागच्छ का मूल नाम उपकेश गच्छ है. ५-जैन जातियों में मुख्य तीन जातियों का वर्णन ६-ओसवालों की जातियों के साथ उपकेश शब्द ७-महाजन वंश के अठारा गोत्रों का प्रमाण ८-उपकेश गच्छोपासक जैन जातियों के नाम -तप्त भट (तातेड़) " | २१-लुंग (चंडालिया) २-बप्पा नाग (वाफना) १२ | २२-घटिया ३-कर्णाट (करणावट) १२ | २३–आर्य (लुनावत) ४-बलाह (रांका वांका) १३ | २४-छाजेड़ ५-मोरख (पोकरणा) १३ । २५-राखेचा ६-कुलहट (सूरवा) काग ७-विरहट (भूरंट) लाल सागर सूरी ८-श्री श्रीमाल 1 २८-सालेचा ९-श्रेष्ठि (वैद्य मेह) (, ९क.बागरेचा..... .. १०-सुंचिति (संचेती कुंकुंमागचोपड़ा) "-आदित्यनाग (चोरामा ३४- सफला -- १२-भाद्र (समदड़िया) ननक्षत्रधना है। १५-भूरि (भटेवरा) , ३३-आमड़ १४-चिंचट (देसरड़ा) , ३४-छावत ल्नPage Navigation
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