Book Title: Jain Hitechhu 1911 Book 13
Author(s): Vadilal Motilal Shah
Publisher: Vadilal Motilal Shah

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Page 315
________________ . .. ...... .... MONA ... .doatkdoundlow. SEARCH asonica. c "न इसमें कुछ संशय है" कहा, सुन गिरा नृपकी ऋषिराजने, “ विबुध है वह, है वह नीतिमान, चतुर है वह, है वह वीर्यवान्, अतिविशारद शास्त्र-विचारमें, . प्रबल है शुचि-धर्म-प्रचारमें, . निपुण है नयमें, गुरु-भक्त है, · भजनमें प्रभुके अनुरक्त है, अति उदार, महाशय, कान्तिमान, सकल सद्गुण-शोभित, सत्ववान , सब प्रकार सुशोभित-गात है, ___ अखिलविघ्न-तमिस्र-प्रभात है; पर नृपाल कहूं किस भांति मैं . न रसना कहना मम मानती; अहह शेष रही उसकी नहीं अधिक आयुष वत्सर एक से." 395AMAC380% s. weca.in o m SAT.SAA%20Ra. 70400624 2 0 .२०

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