Book Title: Jain Hitechhu 1911 Book 13
Author(s): Vadilal Motilal Shah
Publisher: Vadilal Motilal Shah

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Page 330
________________ तब वहां स्वयं धर्म आगये ___ महिष पै चढे पाशको लिये; उठ खडी हुई हाथ जोडके, सरल भाव से प्रार्थना करीः यह पवित्र है स्थान हो गया । ___ चरण जो यहां आपने दिये.” . पर निकाल वे सत्यवानके ... जब सुजीव को संग ले चलेप्रणयसे भरी साथ ही चली ___ हृदयनाथ के, धर्मराजसेविविध धर्मकी बात बोलती __. मधुरतामयी विश्वमोहिनी. तब कहा उसे धर्मराजनेः “अति प्रसन्न हूं-सत्यवान ये तुरत जी उठे ' छोड-अन्य जो ___ वर सुगात्रि हो इष्ट, मांग ले." ETESRANCHROCHANCHAR 0020201208.20 WEATSLIMJH A NAKSIL.06.30S .M .3. 3M2I

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