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बन गये सभी चित्रसे लिखे, __बन पड़ी नहीं एक बात भी;
जब कथा सुनी सत्यवानकी, ___ कह उठे सभी एक साथहीः " जय पतिव्रते ! धन्य तू सती !
जनक धन्य त्यों ! धन्य *मालती ! श्वशुर धन्य है ! सास धन्य है ! ___ सुभग धन्य है सत्यवान भो !
भरत भूमिकी आर्यपत्नियां __ अमर हो गई आजसे सभी रसमयी सदा काव्य भारती
मुयश गायगी सत्कवीशकी." इस प्रकार तो तारिका भरी __ निशि तुरंत सो बीतही गई, तिमिर हो गया नष्ट लोकका, द्युमत्सेनको राज्य भी मिला,
* मालती-सावित्रीकी माता..
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