Book Title: Jain Hitechhu 1911 Book 13
Author(s): Vadilal Motilal Shah
Publisher: Vadilal Motilal Shah
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मुनिशिरोमणि नारद भो वहां - कर रहे प्रभुके गुणगान थे; कर प्रणाम प्रमोदभरी उन्हें, ___ विनत बैठ गई. गह आशिष. हुकुम पा मुनिका नृपने कहाः
“मधुर बात मुनीश्वर भी सुनें किस नृपेश्वरके सुतको तुझे, ____ कह सुपुत्रि!:समर्पित मैं करूं ?" 2 सन नृपेश्वस्की बचनावली
___ सकुनमें सहसा घिरसी गई; S कह विशेष सकी इससे नहींः
। “जनक ! शाल्व-नृपेश्वर-सूनुको." हूँ विनत होकर यो मुनिसजसे, __तब नरेन्द्र लमे हित पूछने “अयि कृपालु ! सुरर्षि ! महामुने ! इस.सुता सम है वर क्या वह ? "
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