Book Title: Jain Dharm Darshan Part 03
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 63
________________ PEP * अभक्ष्य आईस्क्रीम से बचें * आईस्क्रीम बरफ और नमक के संयोग से सांचे में यंत्र द्वारा या मटके में हाथ से घुमाकर बनाई जाती है। जिसमें असंख्य पानी और नमक के जीव नष्ट होते हैं। * जिलेटीन अर्थात् हड्डी का पावडर का उपयोग किया जाता है। * केक तथा अंडे का रस मिलाया जाता है। * स्वाद हेतु विविध रासायनिक केमिकल्य मिश्रित किये जाते हैं। * आईस्क्रीम की बरनी (डिब्बी) साफ न हो तो बासी दूध के रस में अनेक बैक्टेरिया जन्तु और त्रस जीव उत्पन्न हो जाते हैं। * अभक्ष्य ठंडे पेय पदार्थ * शरबत (कोकाकोला, थम्सअप आदि) की बोतलें जाति जाति के उंच नीच लोग और रोगी लोगों द्वारा मुँह से लगी होने के कारण झूठी होती है। उन्हें ठीक प्रकार से साफ किए बिना नया पेय भर दिया जाता है, जिससे इनमें समूर्छिम जीव, बासी, हाने के कारण और अधिक समय पडे रहने के कारण चलितरस बनने से रसज त्रसजीव पैदा होते है। अत्यंत भारी PEP हिंसा के साथ स्वास्थय की हानि के कारण यह पेय पदार्थ सर्वथा त्याज्य है। मानव की किडनी फेल करनेवाले ठंडे पेय पदार्थ बॉटल में पैक करके अलग - अलग नाम से बिकते हैं। वे सब अभक्ष्य है। शक्कर, पानी और फ्रुट के रस मिलाने के बाद मात्र एक रात बीतने पर ये पदार्थ अभक्ष्य बन जाते हैं। बिसलेरी की वॉटर बॉटल भी एक रात बीतने के बाद अपेय बन जाती है। कोल्ड्रीन्क्स और बिसलेरी का पानी कभी छनता नहीं। * आईसक्रीम और ठण्डे पेय पदार्थों से होनेवाले नुकसान :* जो व्यक्ति ठंडे पेय पदार्थ, आईस्क्रीम, फ्रीज का ठंडा पानी, आईस्केन्डी और अत्यंत ठंडे पदार्थ पेट में डालते हैं, वे पेट के अंदर की प्रदिप्त जठराग्नि (पाचक शक्ति) को समाप्त करते हैं । शरीर की ऊर्जा स्टेशन मंद पड़ने के साथ ही चारों तरफ से रोग धावा बोलने लगेंगे। सर्वप्रथम व्यक्ति को भूख नहीं लगती, फिर नींद नहीं आती, भूख और नींद जाने के बाद कुछ भी खाने का रहता नहीं। बाकी का सब स्वयं चला जाता है। महारोग, राजरोग बिना बुलाये ही आ धमकते हैं। * आइस्क्रीम शरीर के लिए हानिकारक है। गले का टांसिल, स्वरनली, अन्ननली में सूजन आ जाती है। कफ से सर्दी, खांसी और ज्वर हो जाता है। * बोतलों में भरे शरबत, एसेन्स वाले डिंक्स आदि पीने से स्वास्थ्य बिगडता है, रोग के कीटाणुओं का चेप लेगता है, आंतडियां अथवा अन्ननली में सडन, अल्सर और केन्सर जैसे रोग भी उत्पन्न होने में देर नहीं लगती। * भारत तथा विदेशों में मिलने वाले अनेक रंगों की तथा फलों के कृत्रिम स्वाद वाली आइस्क्रीम बनाने में जिन रसायनों को काम में लिया जाता हैं, वे शरीर के अनुकूल नहीं होते अपितु प्रतिकूल होते हैं। 58

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