Book Title: Jain Dharm Darshan Part 03
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 65
________________ andeeकाजल * फास्टफुड, टीनफुड, फोसेस्डफुड * * जैन दर्शन की मान्यतानुसार कोई भी बाजारु पदार्थ भक्ष्य नही बन सकता क्योंकि जैन दर्शन ने तैयार किये गये खाद्य पदार्थों की जो समयसीमा दी है वह 15, 20, और 30 दिन की ही है। तमाम खाद्य पदार्थों की सीमा समाप्त होने के बाद वे तुरन्त अभक्ष्य बन जाते हैं। * आहारशुद्धि के नियमानुसार तमाम फास्टफुड, टीनफुड, कोल्ड्रींक्स, बिसलेरी आदि खाद्य पेय पदार्थ एकस्पायर्ड डेट वाले होते हैं। प्रभु ने जो बाते बताई हैं वह केवलज्ञान के प्रकाश से बताई जो कभी असत्य हो ही नहीं सकती। * खाद्य पदार्थ को लंबे समय तक रखने के लिए केमिकल, कन्टेईनर, कोल्डस्टोरेज और फ्रीज विज्ञान ने खोज लिया। हर एक के घर में ये सभी चीजें आने के बाद अब रह - रहकर विज्ञान जोर - जोर से शोर कर रहा है कि ये फास्टफुट, टीनफुड खाना नहीं, इसको खाने से रोग होता है। * डब्बा पेक (टिन्ड) वेजीटेबल, फल और डब्बे में पेक बियर, डब्बे के अंदर का रसायनवाला आवरण आदि पुरुष के वीर्य को दुषित करता है। बिस्फेनोल ए नाम का रसायन फूडकेन्स के अंदर के आवरण में उपयोग होता है। अंदर की धातु खराब न हों इसलिए ये रासायनिक आवरण चढाते हैं परंतु ये रसायन खाद्य पदार्थों में जाता है और वह खाने से उसमें रहा हुआ ओस्ट्रोजेन नाम का तत्त्व पुरुषों में नपुंसकता लाता है। * चाय, कॉफी, दारु, ठंडापानी तथा बाजार में मिलनेवाले फास्टफुड और प्रोसेस्ड फुड, चॉकलेट वगैरह जानलेवा रोगों के लिए जवाबदार है। * टीन फुड को फ्रेश रखने के लिए सी बोटुलिजम नामक सूक्ष्म जीवाणु पैदा करते है। जीवाणु सिर्फ तीन चार माइक्रोमीटर होते है। (एक माईक्रोमीटर यानी मीटर का दस लाखवाँ भाग) वे गहरी जमीन में रहते हैं। अनेक सजीवों के लिए प्राणवायु प्राणदाता है। जबकि सी बोटुलिजम के लिए ऐसा नहीं। इस खासियत के कारण कुदरती संयोग वह ही खतरा रुप नहीं बनता क्योंकि हवा में उसका अधिक टिकना कठीन हैं परंतु हवा चुस्त डब्बे में कुदरती संयम नहीं होते। खुराक बचाने के लिए उत्पादक उसमें शून्यावकाश उत्पन्न करते हैं। इसलिए खुराक में प्राणवायु के अभाव के बीच उसे मौका मिलता है। जीवाणुओं की चयापचय की क्रिया जोर पकडती है। बोटुलिन्स नाम का जहर मुक्त करता है। चयापचय से हलाहल जहर खुराक में मिलता है। खुराक का यह डब्बा जो ग्राहक खरीदें उसका 90 प्रतिशत तो आ बना समझो । प्रथम हमला पक्षाघात (लकवा) का होता है। क्योंकि शरीर में प्रवेश किया बोटलिजम जहर सबसे पहले ज्ञानतंत् का संचार बंद कर देता हैं फेफडे और हृदय की गति को नियंत्रित करनेवाला भी ज्ञानतंत्र है। इसलिए मौत दोनों ओर से टीनफुड के शौकीनों को घेर लेती है। * जैन दर्शन रेड सिग्नल बताता है कि पानी के अंशवाली हर एक बासी वस्तु में रात्री पसार होते ही नये - नये असंख्य त्रसजंतु - बैक्टेरिया उत्पन्न होते हैं। यह जहरीले जंतुओं का रस फूड को जहरीला बनाता है। जिसको खाने से दस्त उल्टी अथवा मृत्यु भी हो जाती है। * आरोग्य, शक्ति और दीर्घायु होने के लिए शुद्ध और ताजा भोजन आवश्यक है। फास्ट फुड को लज्जतदार बनाने हेतु उपयोग में लिए गए विविध मसाले और एसेन्स भी ऊँची क्वालिटी के नहीं होते हैं। फास्ट फुड और orensanelawstandsaumaan 60 RRRRRRRRRRRRRRRRRE www.jainelibrary.orghi

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