Book Title: Jain Bharati
Author(s): Gunbhadra Jain
Publisher: Jinwani Pracharak Karyalaya Kolkatta

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Page 9
________________ (ग ) प्रेम समाज प्रतिज्ञा पालन व्यापार प्रात काल अध्ययन गुरुदेव विद्यार्थी मध्यान्ह संध्या समय जिनालय देव प्रतिमा देव मन्दिरमे स्त्रिया ६२ जातियोंकी उत्पत्ति ६३ धर्म गुरुओका अन्याय ६३ तेरहपन्थ, वीमपन्य EY और भी पतन साधुओका बलिदान अत्याचार अवशेष सेठ भामागाह वस्तुपाल तेजपाल पण्डित गण सौख्यलता ६७ स्त्रियोंमे मूर्खताका प्रवेश , - - बालक तप वर्तमानः खंड वृतामा मार्थना दान मैत्री प्रमोद कारुण्य माध्यस्थ हमारा पतन श्वेताम्बर जैन हीनाचार लेखनी प्रवेश ७१ माधुनिक जैनी परिवर्तन जैन धर्मकी प्राचीनता

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