Book Title: Jain Bal Shiksha Part 3
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 25
________________ ( २० शरीर ) से 'हाथ-पाँव और छूकर ।' ‘बहुत ठीक। आज से याद रखना, जिनके द्वारा किसी चीज को छूकर ठण्डा, गर्म, हल्का, भारी, वगैरह जाना · जाता है, उसे स्पर्शन इन्द्रिय कहते हैं। स्पर्शन का अर्थ शरीर की त्वचा है।' २-रसन इन्द्रिय 'क्या तुमने कभी पेड़ा खाया है।' 'जी हाँ, कितनी बार ।' 'बता सकते हो, कैसा स्वाद होता है ?' 'बहुत मीठा ।' 'अच्छा नीबू कैसा होता है ?' 'नीबू खट्टा होता है।' 'नीम और मिर्च का स्वाद बताओ ?' 'नीम कडुआ और मिर्च चरपरी होती है।' - 'और ऑवला ?' । 'आँवला खाया तो है, स्वाद का पता है, परन्तु उसके नाम का पता नहीं। आँवला न खट्टा, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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