Book Title: Jain Bal Shiksha Part 3
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 55
________________ देकर, उनको आगे हो जाने दो। दरवाजे के अन्दर जाना हो तो पहले उनको जाने दो। दरवाजा बन्द हो तो आगे बढ़ कर उसे खोल दो। अपने से बड़े या अतिथि मेहमान के आने पर उनका स्वागत खड़े होकर करना चाहिए और जब वे जाने लगे तब भी खड़े हो जाना चाहिए। और हो सके तो दरवाजे तक या गाड़ी तक उनकी विदा करने के लिए जाना चाहिए। लिखते समय अंगुलियों में स्याही मत लगने दो। यदि भूल से लग जाय, तो तुरन्त उसे साफ कर डालो। स्याही से भरे हुए काले और लाल हाथ ठीक नहीं होते। कलम से जमीन पर स्याही न छिड़को। और न उसको सिर के बालों से पोंछो। जमीन पर स्याही Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69