Book Title: Jain Bal Shiksha Part 3
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 23
________________ ७ पाँच इन्द्रिय 'इन्द्र' जीव को कहते हैं। जिसके द्वारा इन्द्र को यानी जीव को ज्ञान होता है, उसे इन्द्रिय कहते हैं। जीव आँख के द्वारा देखता है और देखता है और कान के द्वारा सुनता है, इसलिए आँख और कान इन्द्रिय हैं। इस प्रकार कुल इन्द्रिय पाँच हैं- ( १ ) स्पर्शन इन्द्रिय, (२) रसन इन्द्रिय, (३) घ्राण इन्द्रिय, (४) चक्षुष् इन्द्रिय, और (५) श्रोत्र इन्द्रिय । श्रोत्र इन्द्रिय को कर्ण इन्द्रिय भी कहते हैं। Jain Education International १- स्पर्शन इन्द्रिय 'क्या तुमने कभी बर्फ खाई है ?' 'जी हाँ, कितनी ही बार 'कैसी होती है ? गर्म होती है न ( १८ > For Private & Personal Use Only -?' www.jainelibrary.org

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