Book Title: Indrabhuti Gautam Ek Anushilan
Author(s): Ganeshmuni, Shreechand Surana
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 119
________________ १०४ इन्द्रभूति गौतम भगवान महावीर के निर्वाण के पश्चात् संघ के नेता का प्रश्न आया । गणधर गौतम भगवान महावीर के संघ में सबसे ज्येष्ठ थे । ज्ञान एवं तपः साधना में भी अद्वितीय थे । वरीयता और ज्येष्ठता की दृष्टि से संघ का नेतृत्व गौतम के हाथों आता, किंतु गौतम उसी रात्रि को सर्वज्ञ हो गए थे, अतः प्रश्न यह आया कि सर्वज्ञ की परम्परा चलाने के लिए, उनकी वाणी को उन्हीं के नाम से परम्परित करने के लिए सर्वज्ञ का उत्तराधिकारी छद्मस्थ होना चाहिए न कि सर्वज्ञ ! इस दृष्टि से भगवान महावीर के उत्तराधिकारी गणधर सुधर्मा हुए । गौतम केवल ज्ञान प्राप्त करके बारह वर्ष तक पृथ्वी पर विचरते रहे, उपदेश करते रहे । गौतम के द्वादशवर्षीय सर्वज्ञ जीवन का विशेष विवरण आज उपलब्ध नहीं हैं । केवल इतना ही उल्लेख मिलता है कि वे अन्तिम समय में राजगृह में एक मास का अनशन करके सिद्ध बुद्ध मुक्त हुए । Jain Education International o For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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