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इन्द्रभूति गौतम
राजगृह क्या है ?
गौतम ने पूछा-भगवन् ! क्या राजगृह नगर पृथ्वी कहा जाय, जल कहा जाय, कूट कहा जाय, शैल कहा जाय अथवा अचित्त और मिश्र द्रव्य कहा जाय ? भगवान-गौतम ! इन सब का समुदाय संघात ही राजगृह है । ५३
लवरण समुद्र का पानी
भगबान से गौतम ने पूछा-भगवन् ! लवण समुद्र का पानी उछाले मारता हुआ है, या अक्षुब्ध है? भगवान ने कहा-गौतम ! लवण समुद्र उछाल मारते हुए पानी वाला है ।५४
मेघ स्त्री या पुरुष ?
गौतम ने पूछा-"भगवन् ! मेघ आत्म ऋद्धि से गति कर ता है या पर
ऋद्धि से ?
भगवान—“गौतम ! मेघ परऋद्धि (वायु अथवा देव द्वारा प्रेरित होकर) गति करता है । वह पर-कर्म, पर-प्रयोग से गतिशील है।
गौतम-भगवन् ! मेघ क्या स्त्री है, पुरुष है, हाथी, है घोड़ा है, वह क्या है ?
भगवान-गौतम ! वह न स्त्री है, न पुरुष है, न हाथी है, न घोड़ा है, वह मेघ है।५५
घोड़े का शब्द
गौतम स्वामी ने पूछा-भगवन् ! जब घोड़ा दौड़ता है तब वह 'खु-खु' शब्द क्यों करता है ?
५३. भगवती ५९ ५४. भगवती ६८ ५५. भगवती ३।४
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