Book Title: Indrabhuti Gautam Ek Anushilan
Author(s): Ganeshmuni, Shreechand Surana
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 167
________________ इन्द्रभूति गौतम (परिशिष्ट) जाने बन्दना बारम्बार जी, जारो नाम लिया निस्तार जी। जपतां होवे खेवो पार जी, श्री गौतम स्वामी में गुण घणा........ कार्तिक वदी अमावस्या जी, ____ मुक्ति गया वर्धमान । गौतम स्वामी ने अनो सब, निर्मल केवलज्ञान जी। धर्म दीपायो नबर पुर ठाम जी, सिद्ध कीधा आतमकाम जी । पाया खुख अक्षय अभिसम जी, . स्वामी पहुंचा शिवपुर ठाम जी। बारम्बार करूं मुणग्राम जी, धन-धन श्री गौतम स्वाम जी । श्री गौतम स्वामी में गुण घणा"...... पूज्य जयमल जी परसाद से जी, कीधो ज्ञान अभ्यास । संवत अठारे चौतीस में नवमी सुदि भादवा मास जी । गौतम जी ने कीधो रास जी, सुणज्यो सहु चित्त उल्लास जी। पावो निल भव लील विलास जी, शहर बीकानेर चौमास जी । ऋषि रायचन्द्र कियो परकास जी, श्री गौतम स्वामी में गुण घण...... Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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