Book Title: Digambar Jain 1915 Varsh 08 Ank 01
Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ ८ग. -O E का अंक १] दिगंबर जैन. 44 લલીતાબહેને લીધી હતી. કુલ ૮૦ ટકા છે. પાક્ષિક સભા નિયમિત થાય છે, શ્રત પંચમી, બળેવ વગેરે પર્વતિથિ ઉજવાય છે, તેમજ મહાવીર નિવણેન્સિવ પણ થયું હતું, જે પ્રસંગે ઉપદેશક મી. પૂજાલાલને બોલાવી છે अंतरीक्षनी केस अने जरुरी कर्तव्यः જાહેર સભા એ કરવામાં આવી હતી, જેમાં રોજ બધી કેમની ૫૦૦-૬૦૦ની સંખ્યા થતી હતી. વળી લલીતાબહેને એક જાહેર र्टमां लांबा समयथी चाले छे, तेनो ठराव भाषण 'शानथी। पुरीतिया २ / २ છે.” એ વિષય ઉપર આપ્યું હતું, જેથી કેટता. ५-१०-१४ ना दिने हतो, जे वखते सा नियमो सवाया हता. तम ३.२९॥ श्रादि बंने पक्षना लेखित पुरावाओ दाखल करवा भने भ६६ भजी ती मने प्रभु शा. न करवानी तक्रारो चाली हती. हाल नभय ६ न करवानी तकरारा चाला हता. हाल य६ त२५थी पतासानी प्रभावना ही सुधी श्वे. ना १० शाक्षी लेवाया छे अनेरनी शान मेगा:-माता. ११-१-१९१५ थी १७-१-१५ . ५४ानी परीक्षा 5 सुधी તા. ૨૩-૨૫ મીએ લેવાઈ હતી, અને કાર્તિક વદ ૧ ને દીને ખાનપુરવાળા શા. માણેકચંદ जबानी लेवानो हुकम कोर्ट कर्यों छे, तथा नसालाना प्रभुम५। नाये धनामनी मेंबीजो हुकम ए थयो छे के दिगंबरीओए । थये। तो मा ३००नी सध्या - જર હતી અને ગાંધી મણીલાલે રિપોર્ટ વાંपोताना शाक्षीओनलस्टि ता.५-१२-१४ च्या पछी भारत२ नायाबाले 'शान' १५२ सुधीमां दाखल करवं. आथी सर्वे स्थानोना भाप ५। ५७ ०४३वमा धनाम ना ઉપજમાંથી ૩૦ છોકરા-છોકરીઓને ફેટા, दिगंबरी भाईओने मी.चवरे वकील सूचना करे icon भी पोरे नाम इ. ५० छे केजेओ अंतरीक्षजीनी यात्रा जड आवेला यायु तु. मा प्रभुमे ३ ५), भ्यायह य६३.२), सध्यापि मनाया३.५), होय तथा वहीमवीरस्य ३. २) मा ३. १४) नाणता होय, तेमणे शाक्षी तरीके पोताना नामना मां ता. नामो ताकीदे मोकली आपवा. वहाड प्रां- महासभानी बेठक:--जणाववा मुझब त सिवाय बीजा प्रांतना शाक्षीओनी जु- भारत. दि. जैन महासभानी वार्षिक, बेठक बानी कमीशनथी पण लइ शकाशे. वळी मथुराजीमां गत् मासमां शेठ दामोदरदाजेमनी पासे कंइ आगला लेखित पुरावाओ सजी (मथुरा)ना प्रमुखपणा नीचे थई हती, होय ते पण सत्वर मोकली आपवा. पत्र- जेमां केटला मामूली ठरावो थवा सिवाय व्यवहारनुं सरनामुं:-जयकुमार देवीदास कंइ महत्वनां कार्यो थएलां जणातां नथी. चवरे बी. ए. बी. एल. वकील-आकोला. हवे प्रमुख तरीके दानवीर शेठ हुकमचंदजी साराभांति :-मन छ भास अने महामंत्री श्रीमंतसेठ मोहनलालजी या ५४ा स्थाय। पछी घर सुधारे। नीमाया छे. થતા જાય છે. પાઠશાળાની પરીક્ષા શ્રીમતી कत

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 170