Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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9281
Upanigade इत्यथर्ववेदे रामोत्तरतापनीषत्समातः ॥ Then follow some 3 lines beginning with
अथाश्वलायनो भगवंतं परमेष्टि etc.
2(49).
रामोत्तरतापनीउपनिषद्
Rāmottaratāpaniupanisad No. 927
1891-95 Size -10in. by 44 in. Extent -169a to 1760 leaves; 7 lines to a page3; 30-32 letters to a line. Description - See No. 2 (1)/ 1891-95 Mundakopanisad. Begins - fol. 169a
॥ॐ बृहस्पतिरुवाच याज्ञवल्क्यं...कुरुक्षेत्रं देवानां देवयजनं सर्वेषां भूतानां ब्रह्मसदनमविमुक्तं वै कुरुक्षेत्रं देवानां देवयजनं सर्वेषां भूतानां
ब्रह्मसदनं etc. Ends — fol. 1760
तस्माद्य एतैमत्रैनित्यं देवं स्तौति स देवं पश्यति सोमृतत्वं गच्छति सोमृतत्वं गच्छतीति ॥५॥ पंचमः खंडः ॥
इत्यथर्ववेदे रामोत्तरतापनी उपनिषत्समाप्ता॥ एकोनपंचाशत् ॥४९॥
गमोत्तरतापनीयोपनिषद्
Rāmottaratāpaniyopanișad
1(49) No. 928
A 1883-84 Size -108 in. by 51 in. Extent-82b to 86b leaves; 12 lines to a page; 40 letters to a line. Description - See No. 1 (1)/A 1883-84 Mundakopanisad. Begins - fol. 820
____ों बृहस्पतिरुवाच याज्ञवल्क्यं यदनुकुरुक्षेत्रे देवानां देवयजनं सर्वेषां भूतानां ब्रह्मसदनमविमुक्तं वै कुरुक्षेत्रं etc.
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