Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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Upanipade
11051
24 . Ends
fol. 30
एतन्महामार्ग प्रातः पठति । स भाग्यवान् जायते पशून्विंदति वेदार्थ लभते त्रिकालं नपस्वा । क्रतुशतफलं प्रामोति ।
हस्तादित्ये जपति स महामृत्युं तरति स महामृत्युं तरति । य एवं वेद ॥ इत्युपनिषत्समाप्ता। सूर्य उपनिषत्
148
सूर्योपनिषद्
Sūryopanişad No. 1051
1879-80 Size - 5 in. by 3 in. Extent - 8 leaves ; 5 lines to a page; 12 letters to a line. Description - Country paper; Devanagari characters; handwriting
clear, legible and uniform; borders ruled in double red lines;
edges worn out; complete. Age -Appears to be old. Begins - fol. 10
श्रीगणेशाय नमः ॥ हरिः ॐम् ॥ मथ सूर्याथर्वागिरसं व्याख्यास्यामः ॥ ब्रह्मा ऋषिः॥
गायत्री छंदः । मादित्यो देवता ॥ etc. Ends - fol. 80
एतन्महाभागः प्रातः पठति ॥ स भाग्यवान्जायते पशूविंदति ॥ त्रिकाल अप्वा॥ऋतशतफलं प्रामोति ॥
हस्तादित्ये जपति ॥ स महामृत्युं तरति स महामृयु तसति ॥ य एवं
Sūryopanigad
52
सूर्योपनिषद् In No. 1052 Size - 8-1 in. by 37 in.
1895-98
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