Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

Previous | Next

Page 260
________________ 1056] Upanigads Begins - fol. 16 ओं श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससत्गुरुरामचंद्राय नमः ॥ भों सह नाववत्विति शांतिः ॥ भच्युतोमि महादेव तव कारुण्यलेशतः। विज्ञानघन एवास्मि शिवोऽस्मि किमतः परं। etc. Ends-fol. 2a विष्णोर्यत्परमं पदमित्येवं निर्वाणानुशासनं वेदानुशासनमित्युपनिषत् ॥ ओं श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससत्गुलामचंद्रार्पणमस्तु ।। ॥स्कंदोपनिषत्समाप्ता ॥छ । स्कन्दोपनिषद् Skandopanişad No. 1056 3(14) 1902-1907 Size - 12 in. by 51 in. Extent - 1a to 10 leaves; 13 lines to a page; 45 letters to a line. Description-See No.3(1)/1902-1907: Annapurpopanisad. (Vol. I, Pt. II, p. 38). Begins - fol. 1a श्रीमनोरथपूर्णकरें गणराजाय नमः ॐ श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससत्गुरुरामचंद्राय नमः अथ स्कंदोपनिषत्प्रारंभः ओं सह नाववस्विति शांतिः अच्युतोमि महादेव तव कारुण्यलेशतः विज्ञानघन एवास्मि शिवोस्मि किमतः परं । etc. Ends - fol. 10 विष्णोर्यत्परमं पदमित्येवं निर्वाणानुशासनं वेदानुशासनं वेदानुशासनमित्युपनिषत् ॥ इति स्कंदोपनिषत्समाप्ता ॐ श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससद्गुरुरामचंद्रार्पणमस्तु ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274