Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 262
________________ 1060] Ends - fol. 210 हंसोपनिषद् No. 1059 स्वयंज्योतिः शुद्धो बुद्धो नित्यो निरंजनः शांतः प्रकाशित इति ॥ ॐ वेदप्रवचनमिति ॥ इति हंसोपनिषत्समाप्तः ॥ १५ ॥ Upanisads Size — 92 in. by 4 in. Extent 4 leaves; 5 lines to a page; 22 letters to a line. Description Begins – fol. 16 - Hamsopanisad 67 Viśrāma Country paper; Devanagari characters; handwriting clear, legible and uniform; complete. Ends – fol. 4b 249 श्रीगणाधिपतये नमः ॥ हरिः ॐ भद्रं ॥ शांतिः ३ हरिः ॐ अथ हंसपरमहंस निर्णय व्याख्यास्यामो ब्रह्मचारिणे दाताय गुरुभक्ताय ॥ etc. तस्मान्मनो विलिने मनसि गते संकल्पविकल्पे दग्धे पुण्ये पापे शदा• शिवशत्मात्मा सर्वत्रवस्थितः शांतः प्रकाशाय इति वेदवनं ॥ भवति वेदवचनं भवति ॥ ॐ तत्सद्ब्रह्मार्पणमस्तु ॥ ॐ तत्सदिति हंसोपनिषत्समाप्ता ॥ श्रीसदाशिवार्पणमस्तु ॥ समाप्तेयमुपनिषत् ॥ Hamsopanisad 140 (6) 1879-80 हंसोपनिषद् No. 1060 Size — 93 in. by 3g in. -- Extent — 138a to 140a leaves ; 8 lines to a page ; 32 letters to a line. Description See No. 140 (1)/1879-80; Atharvavallyupaniṣad; 32 [Upanisads]

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