Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 265
________________ 252 Upaniyada 11063 Description - See No. 487 (1)/1882-83 : isavasyopanisad. (Vol. I, Pt. II, p. 88). Begins - fol. 10 ओं श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससत्गुलामचंद्राय नमः ॥ हंसाल्योपनिषत्प्रोक्तनादलियंत्र विश्रमेत् । तदाधारं निराधारं ब्रह्ममात्रमहं महः ॥ भों पूर्णमद इति शांतिः॥ गौतम उवाच । भगवन् सर्वधर्मज्ञ सर्वशास्त्रविशारद। ब्रह्मविद्या प्रबोधो हि येनोपायेन जायते ॥ etc. Ends - fol. 2a दशमं च परं ब्रह्म भवे ब्रह्मात्मसनिधौ । तस्मान्मने विलीने मनसि गते संकल्पविकल्पे दग्धे पुण्यपापे सदाशिवों .. शत्यात्मक सर्वत्रावस्थितस्वयंज्योतिश्शुद्धो नित्यो निरंजनः शांततमः प्रकाशयतीति वेदानुवचनं भवतीत्युपनिषत् ॥ ओं पूर्णमद इद शांतिः॥ भों श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससद्गुरूरामचंद्रार्पणमस्तु । हंसोपनिषत्समाता ॥छ । छ॥छ । हंसोपनिषद् Hassopanişad No. 1065 27 (42) 1895-98 Size -101 in. by 51 in. Extent-75a to76a leaves%3 12 lines to a page; 35 letters to a line. Description - See No. 27 (1)/1895-98; Mundakopanisad. Begins — fol. 750 गौतम उवाच ॥ भगवन् सर्वधर्मज्ञ सर्वशास्त्रविशारद ब्रह्मविद्याप्रबोधो हि केनोपायेन जायते etc.

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